शिवायन अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव : भोलेनाथ के ससुराल हरिद्वार में बही काव्य गंगा, कवियाें ने जमाए रंग 

- करीब 12 सत्रों में विभिन्न राज्यों से आए कवि और कवयित्रियों ने किया काव्य पाठ

- भगवान शिव पर रचित काव्य ग्रंथ शिवायन समेत 12 पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

- सनातन धर्मरक्षार्थ प्राचीन वेद ग्रंथों को काव्य रूप में जन-जन तक पहुंचाएगा शिवायन

- समाज में साहित्य की उपेक्षा पर जताई चिंता, शब्दों की संरचना और उच्चारण पर जोर

हरिद्वार, 04 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय के बैनर तले दो दिवसीय शिवायन अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का बुधवार को रंगारंग आगाज हुआ। इस दौरान बाबा भोलेनाथ के ससुराल हरिद्वार में काव्य की गंगा बही, जिसमें श्रोताओं ने खूब डुबकी लगाई। करीब 12 सत्रों में विभिन्न राज्यों से आए कवि और कवयित्रियों ने काव्य पाठ किया। इस मौके पर भगवान शिव पर रचित काव्य ग्रंथ शिवायन समेत 12 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान गणेश की वंदना दैणा हो जा खौली का गणेश से हुई। इसके बाद साहित्योदय की उत्तराखंड इकाई की ओर से तैयार स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इससे पहले मुख्य अतिथि और नगर विधायक मदन कौशिक ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कौशिक ने अपने संबोधन में कहा कि हरिद्वार में साहित्यिक कार्यक्रम होना गौरव का विषय है। साथ ही भगवान शिव पर गीत रचने वाले सभी कवियों को उन्होंने बधाई दी। साहित्योदय परिवार के संरक्षक और प्रसिद्ध गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र ने समाज में साहित्य की उपेक्षा पर चिंता जताई। आचार्य देवेन्द्र देव ने शब्दों की संरचना और उच्चारण पर जोर दिया।

मुख्य आयोजक साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने कहा कि राष्ट्रचेतना, भारतीय सभ्यता, साहित्य, संस्कृति और संस्कारों के पुनरुत्थान के लिए साहित्योदय अपनी स्थापना काल से ही कृतसंकल्पित है। सनातन धर्मरक्षार्थ प्राचीन वेद ग्रन्थों को सरल व सहज काव्य रूप में जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से बाबा बैद्यनाथ धाम में काव्याभिषेक, अयोध्या में जन रामायण, वृंदावन में कृष्णायण के पश्चात अब हरिद्वार में शिवायन महोत्सव का आयोजन किया गया है।

मीडिया प्रभारी दर्द गढ़वाली ने बताया कि कार्यक्रम के पहले दिन शिवायन महाकाव्य, सत्य साधना, गङ्गा, महक माटी की, लफ्ज मुसाफिर, अंगूठे की मौत, कथामाल्य, मन के अंगना में, दोहा दर्पण समेत 12 से अधिक पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। पांच दिसंबर (गुरुवार) को समापन समारोह के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में शाकम्भरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हृदय शंकर सिंह, पार्षद अनिरुद्ध भाटी के अलावा साहित्योदय की उत्तराखंड इकाई की अध्यक्ष शोभा पाराशर, संरक्षक इंदू अग्रवाल, निशा अतुल्य, अर्चना झा, सुनील पाराशर, राकेश रमण, मीरा भारद्वाज, बृजेंद्र हर्ष, अजय अंजाम, बेबाक जौनपुरी, वीणा शर्मा सागर, सुनील साहिल आदि मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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