ग्यारह जुलाई से प्रारंभ होगा श्रावण मास के पावन महीना, शिव की होगी आराधना
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- Jul 03, 2025

जयपुर, 3 जुलाई (हि.स.)। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित माना गया हैं । श्रावण को शिवभक्त पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। इस दौरान भक्त रोजाना भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। इसके साथ ही श्रावण के सोमवार का विशेष महत्व माना जाता हैं। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल,दूध, बेलपत्र आदि अर्पित कर जलाभिषेक करते हैं।
आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि श्रावण सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर इच्छा पूरी करते हैं। भगवान शिव की आराधना से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। 11 जुलाई से श्रावण माह की शुरुआत मानी जाएगी। इस बार श्रावण के पहले ही दिन एक विशेष योग बन रहा हैं, जिसे शिववास योग कहा जाता हैं। इस योग में शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक को सौभाग्य, सुख समृद्धि और मनचाहा वरदान प्राप्त होता हैं । आचार्य ने बताया कि 14 जुलाई को पहला सोमवार व्रत, 21 जुलाई को दूसरा सोमवार व्रत, 28 जुलाई को तीसरा सोमवार व्रत, 04 अगस्त चौथा और अंतिम सोमवार व्रत किया जाएगा। इसके बाद 09 अगस्त को श्रावण मास की पूर्णिमा के साथ इस पावन महीने का समापन होगा। श्रावण में भोलेनाथ को जल, बिल्वपत्र, आंकड़ा, धतूरा, भांग, कर्पूर, दूध, चावल, चंदन, भस्म, रुद्राक्ष आदि अर्पित करना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश