कौशांबी में साइबर अपराध रोकने को मैराथन प्रशिक्षण

पुलिस कर्मियों को 2 पार्ट में 8 घंटे का साइबर एक्सपर्ट ने दिया प्रशिक्षण

एसपी बोले-88 लाख रुपये की ठगी के मामले प्रकाश में आए

कौशांबी, 10 जनवरी (हि.स.)। पुलिस महकमे में बुधवार को मैराथन साइबर अपराध पर प्रशिक्षण की कार्यशाला हुई। सेमिनार 2 हिस्सों में 8 घंटे तक चला, जिसमें साइबर एक्सपर्ट डॉ. रक्षित टंडन ने पहले पुलिसकर्मियों को साइबर अपराध होने पर अपराधियों तक पहुंचने के तौर तरीके एवं कानूनी धाराओं का ज्ञान कराया। प्रशिक्षण के दूसरे भाग में स्कूल-काॅलेज ग्राम पंचायत एवं व्यापारिक संगठन को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ कर करीब 1 लाख लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया। एसपी बृजेश श्रीवास्तव के मुताबिक पिछले साल साइबर अपराध के जरिये 88 लाख रुपये की ठगी के मामले सामने आए।

पुलिस दफ्तर के दुर्गा भाभी सभागार में बुधवार को साइबर एक्सपर्ट डॉ. रक्षित टंडन ने 8 घंटे का मैराथन प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। इस कार्यक्रम में डॉ. टंडन ने पुलिस कर्मियों को साइबर क्राइम से जुड़े अपराध, विवेचना, साइबर फाॅरेंसिक, साइबर कानून की विधिवत जानकारी दी। डॉ. रक्षित टंडन के मुताबिक, साइबर अपराध देश में महामारी के रूप में थोड़ी से लापरवाही पर आम आदमी की जेब खाली कर रहा है। इसके बचाव का एक मात्र रास्ता जागरूकता ही है। जो सदैव सतर्क रहकर ही किया जा सकता है। आकड़ों के मुताबिक देश में साइबर अपराधियों ने 10 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान किया है। साइबर अपराध से लड़ाई लड़ रहे जवानों ने अपने बुद्धि कौशल से 1127 करोड़ रुपये बचाये। साइबर चुनौती को देखते हुए इससे बचाव का एक मात्र रास्ता सतर्कता है। वह प्रयागराज जोन के फ़तेहपुर में प्रशिक्षण देकर आए हैं। इसके बाद वह जोन के 7 जिलों में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षत करेंगे।

एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि साइबर अपराध के प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों के साथ आम जन मानस को जागरूक करने के लिए ऑनलाइन माध्यम से 1 लाख लोगों को कनेक्ट किया गया, जिसमें खास तौर पर स्कूल-काॅलेज, ग्राम पंचायत व व्यापारी संगठन के लोग जुड़े। जनपद में ऑॅनलाइन ठगी के मामले पिछले साल करीब 88 लाख रुपये के सामने आए है, जिसमें 12-15 लाख रुपये बचाने की लिए खाते फ्रीज़ कराये गए हैं। साइबर अपराध में रुपये की रिकवरी के प्रतिशत काफी कम होते हैं। वह जन सामान्य से अपील करते हैं कि साइबर अपराध होने पर तत्काल संबन्धित थाना पुलिस को सूचित करे। ताकि समय से जांच कर अपराधी तक पहुचा जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार/ अजय कुमार/सियाराम

   

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