भोपालः आज संत हिरदाराम नगर से होगी बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की शुरुआत
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- Jan 20, 2024
भोपाल, 20 जनवरी (हि.स.)। राजधानी भोपाल में 13 साल पहले बने बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का काम आज (शनिवार) से शुरू हो रहा है। यह काम रात में किया जाएगा, ताकि ट्रैफिक की समस्या न हो। बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का काम लोक निर्माण विभाग संत हिरदाराम नगर से करेगा।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि बीआरटीएस कॉरिडोर पर बस स्टॉप को हटाकर पीछे लगाने का काम उसे लगाने वाली एजेंसी ही करेगी। पूरे कॉरिडोर को तोड़कर अगले दो महीने में सेंट्रल डिवाइजर बनाने का काम पूरा कर दिया जाएगा, जिससे वाहन मिक्स लेन में चलेंगे। इस काम पर करीब 18 से 20 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जनप्रतिनिधियों की बैठक ली थी, जिसमें भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने पर सहमति बनी थी। आज से बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का काम संत हिरदाराम नगर से शुरू होगा। यहां पर हलालपुर से विसर्जन घाट तक चार किमी का कॉरिडोर हटाया जाएगा। यहां पर 2.3 किमी का एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। 228 करोड़ में छह लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। इसके नीचे आठ लेन का साइकिल ट्रैक, फुटपाथ, सर्विस लेन और फोर लेन मिक्स सड़क होगी। यहां से बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाकर उसके लोहे को निकालकर सेंट्रल डिवाइडर में उपयोग किया जाएगा। यह काम एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने वाली एजेंसी ही करेगी। एलिवेटेड कॉरिडोर बनने से ट्रैफिक की समस्या खत्म होने के साथ ही बैरागढ़ में व्यवसायिक गतिविधियों को फायदा होगा।
इसके बाद मिसरोद से एमपा नगर तक, रोशनपुरा से कमलापार्क और कलेक्टोरेट से लालघाटी हलापुर बस स्टैंड तक बीआरटीएस को तोड़ने का काम नगर निगम की तरफ से चयनित एजेंसी करेंगी। इसे हटाते वक्त दोनों तरफ एक से डेढ़ मीटर तक सेफ्टी बैरिकेडिंग की जाएगी। संत हिरदाराम नगर से मिसरोद तक कॉरिडोर की कुल लंबाई करीब 24 किमी है। इसमें से चार किमी डेडिकेटेड लेन पहले ही हट चुकी है। ऐसे में 20 किमी कॉरिडोर को हटाने जाने की कवायद होगी। इसके साथ 48 से अधिक बस स्टॉप भी हटेंगे। सिटी बसें बंद नहीं होंगी।
तत्कालीन शिवराज सरकार ने भोपाल बीआरटीएस को 2011 में संशोधित डीपीआर के बाद मंजूरी दी थी। इसका काम दो साल बाद सितंबर 2013 में पूरा हुआ था। इसमें संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ से लेकर मिसरोद तक का 24 किलोमीटर का निर्माण किया गया। इस पर करीब 360 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश