किसी के घर आए रामलला किसी के भई जानकी

अजमेर, 22 जनवरी(हि.स.)। अयोध्या में रामलाल के भव्य दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के ऐतिहासिक और विशेष दिवस पर बहुत से घरों में भी वास्तव में रामलाल और जनकी जी ने जन्म लिए। दरअसल 22 जनवरी 2024 वह तिथि हो गई को इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। लिहाजा बहुत सी प्रसूताओं ने अपने नन्हें के जन्म के लिए इस तिथि का पहले से निर्धारण कर लिया था तो किन्हीं को चिकित्सकों ने सलाह दी कि यदि अगले तीन-चार दिन में उनका प्रसव सिजेरियन कराया जाना सुनिश्चित है ही तो वे चाहे तो 22 जनवरी 2024 का दिन भी चुन सकती हैं। ऐसे में हुआ भी ऐसा ही। बहुत से लोगों ने पंडितों से पूछकर 22 जनवरी के दिन अपने लिए शुभ मुहूर्त निर्धारित कराने शुरू कर दिए और चिकित्सक को भी इसके लिए विशेष आग्रह किया।

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जनाना हॉस्पिटल में सोमवार को रात बारह बजे से लेकर दोपहर ढाई बजे तक 12 प्रसूताओं ने बच्चों को जन्म दिया जिन्में अधिकांश के रामलला हुए। यह अनुपात 60 प्रतिशत रामलला तो 40 प्रतिशत जानकी का रहा। वहीं अजमेर संभाग के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में रात 12 बजे से दोपहर ढाई बजे तक कुल 10 प्रसूताओं ने बच्चों को जन्म दिया इनमें 5 प्रसूताओं ने रामलला को जन्मा तो 5 ने जानकी जी को। जोरदार बात रही कि इनमें से सिर्फ दो प्रसूताएं ही ऐसी रही जिन्होंने पहले से कोई तिथि निर्धारित नहीं की थी किन्तु प्रभु इच्छा से उन्हें देर रात 12 बजे बाद अचानक प्रसव पीड़ हुई और उन्हें हॉस्पिटल पहुंच कर बच्चों को जन्म देना पड़ा। वहीं दस में से आठ प्रसूताओं ने तो पहले ही चिकित्सक से सलाह कर 22 जनवरी को ही दिन में सुबहे साढ़े नौ बजे से ढाई बजे के मध्य अपने लिए समय सुनिश्चित कर लिया था। ऐसे ही अजमेर से सैटेलाइट हॉस्पिटल में 22 जनवरी को 8 प्रसूताओं ने बच्चों को जन्मा यहां भी अधिकतर रामलला हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ईश्वर

   

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