विधानसभा में बेनीवाल के सवाल पर उलझ पड़े भाजपा-कांग्रेस विधायक, जमकर हुआ हंगामा

जयपुर, 23 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल में जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के पहले ही सवाल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। खींवसर आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल ने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए पेपर लीक प्रकरण और उसपर एसआईटी जांच को लेकर सवाल किया, जिसका जवाब गृहमंत्री की ओर से मंत्री गजेंद्र सिंह खिंवसर ने दिया। हंगामा इतना ज़्यादा हुआ कि विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदस्यों को शांत रहकर कार्यवाही में शामिल होने के लिए आग्रह करना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद माहौल शांत हुआ और अगला सवाल पूछा गया।

विधायक हनुमान बेनीवाल ने पेपर लीक प्रकरण उठाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुए प्रकरण की जांच एसआईटी कर रही है। लेकिन क्या सरकार बेरोज़गार युवाओं से जुड़े इस गंभीर प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मंशा रखती है? विधायक बेनीवाल के सवाल का जवाब मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से अब तक पेपर लीक के 33 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 32 मामलों के चालान कोर्ट में पेश किए गए। सिर्फ एक प्रकरण अभी पेंडिंग चल रहा है। मंत्री गजेंद्र सिंह के जवाब के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि कांग्रेस और भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान कितने-कितने प्रकरण सामने आए हैं? वो एक मामला कौनसा है जिसे लेकर पुलिस ने अभी तक कोर्ट में चालान पेश नहीं किया है? डोटासरा के इन्हीं सवालों के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने-सामने हो गए और सदन में ज़ोरदार हंगामा शुरू हो गया।

इसी बीच भाजपा विधायकों ने नाथी के बाड़े वाले नारे लगाए। फिर, मंत्री गजेंद्र सिंह ने जवाब दिया कि पेपरलीक के एक मामले में चालान पेश होना बाकी है जो सीकर के एक कोचिंग सेंटर से जुड़ा हुआ है। वहीं सदन में कलाम कोचिंग का भी नाम उछला। बेनीवाल ने कहा कि पूर्व में हुए पेपर लीक प्रकरण को लेकर सरकार से सवाल किया था कि क्या इन प्रकरणों की जांच सीबीआई से करवाने की मंशा सरकार रखती है? इस पर सरकार ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। बेनीवाल ने कहा एसआईटी गठित करके भाजपा ने मामले में लीपापोती करने का प्रयास किया है जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विपक्ष में रहते हुए सीबीआई जांच की मांग भी रखी थी।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी विधायको-मंत्रियों के हंगामे से नाराज नजर आए। प्रश्नकाल खत्म होते ही सदन में मौजूद अफसर जाने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें फटकारते हुए कहा कि मैं जब तक खड़ा हूं कोई नहीं जाएगा। प्रश्नकाल खत्म होते अफसर उठकर जाने लगे तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए अफसरों को डांट लगाई और कहा कि मैं जब तक खड़ा हूं कोई उठकर नहीं जाएगा। लगता है मुख्य सचिव को कहना पड़ेगा। स्पीकर ने कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल को बिना अनुमति बोलने पर डांट दिया। काफी देर तक स्पीकर धारीवाल को बैठने के लिए कहते रहे, लेकिन वे नहीं माने।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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