सूरत: उद्यमी के साथ हिरासत में मारपीट मामले में पीआई रावल निलंबित

-सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बाद भी कस्टडी में रख कर पीटने और रुपये मांगने का आरोप

सूरत, 24 जनवरी (हि.स.)। सूरत में एक उद्यमी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पुलिस कस्टडी में रखने, मारपीट कर 1.6 करोड़ रुपये की मांगने के आरोप में वेसू थाने के पुलिस निरीक्षक आरवाई रावल को निलंबित कर दिया गया है। मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सूरत पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर ने घटना की विभागीय जांच के बाद वेसू थाने के पीआई के निलंबन का आदेश जारी किया है।

जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने वाले बिल्डर को वेसू पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर रिमांड की मांग कर कस्टडी में लेने के प्रकरण पर विवाद हुआ था। कोर्ट ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए राज्य के अतिरिक्त सचिव, सूरत पुलिस आयुक्त, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, जीसीपी विजय सिंह गुर्जर और पीआई आर वाई रावल के विरुद्ध नाराजगी जताई थी। उन्हें सुप्रीम कोर्ट की आवमानना का नोटिस दिया गया। घटना में वेसू के पीआई आरवाई रावल को प्राथमिक तौर पर संलिप्त मानते हुए पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर ने निलंबन का आदेश जारी किया है। वेसू थाने का चार्ज डीयू बारड को सौंपा गया है। बारड अभी विशेष शाखा में कार्यरत हैं।

सूरत के उद्यमी-बिल्डर तुषार शाह के साथ आर्थिक जालसाजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गत साल 8 दिसंबर को अग्रिम जमानत दी थी। इसके बावजूद सूरत पुलिस ने निचली अदालत में तुषार शाह की रिमांड की मांग की जिसके बाद चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 13 दिसंबर से 19 दिसंबर तक की रिमांड भी मंजूर कर दी।

बिल्डर तुषार शाह के वकील इकबाल सैयद और मोहम्मद असलम ने पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट को तुषार शाह को कस्टडी के दौरान टार्चर करने और अवैध रूप से 1 करोड़ रुपये की रकम मांगने की शिकायत की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अतिरिक्त सचिव कमल दयाणी, सूरत पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर, डीसीपी विजय सिंह गुर्जर, पीआई आरवाई रावल और चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के विरुद्ध अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया था।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/संजीव

   

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