जादवपुर विश्वविद्यालय की समस्या सुलझाने को लेकर गंभीर नहीं है सरकार

कोलकाता, 05 जनवरी (हि.स.)। जादवपुर विश्वविद्यालय के एक शिक्षक संघ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उच्च शिक्षा विभाग पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव को हटाए जाने के बाद से राज्य संचालित विश्वविद्यालय में अनिश्चितता को दूर करने के लिए तुरंत कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। राज्य संचालित विश्वविद्यालयों में कार्यवाहक कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के साथ टकराव में रहे बोस ने 24 दिसंबर को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर साव को बर्खास्त कर दिया था। साव को खुद राज्यपाल ने नियुक्त किया था। हालांकि, राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद दीक्षांत समारोह निर्धारित दिन पर आयोजित किया गया था। राज्यपाल ने बर्खास्त वीसी के समर्थन में राज्य की कार्रवाई को अनधिकृत और अवैध करार दिया था।

जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जूटा) ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने दीक्षांत समारोह आयोजित करने की सुविधा के लिए आधी रात के बाद नोटिस जारी करने में तत्परता दिखाई। जूटा के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने दावा किया कि बाद में जब साव के शैक्षणिक और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के अधिकार पर संदेह उठाया गया तो वैसी ही तत्परता नहीं दिखाई गई क्योंकि गतिरोध संस्थान को प्रभावित कर रहा था। विभिन्न परियोजनाओं के लिए एनएएसी की मंजूरी प्राप्त करने के संबंध में तत्काल काम किया जाना जरूरी है लेकिन वह नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि आपातकालीन मामलों पर सहमति देने वाले व्यक्ति के बारे में रजिस्ट्रार से जूटा के प्रश्न अनुत्तरित हैं।

विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रजिस्ट्रार कार्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा है कि सामग्री खरीदने के लिए किसकी मंजूरी की आवश्यकता होगी। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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