ईको सेंसिटिव जोन घोषित होने से गंगा से सटे मीरजापुर के 14 गांवों में बालू खनन व परिवहन पर रोक
- Admin Admin
- Jan 09, 2024
- खनन व परिवहन पर प्रतिबंध, पहले से स्वीकृत खनन पट्टा भी निरस्त
- प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन-परिवहन करने पर भुगतना पड़ेगा खामियाजा
मीरजापुर, 09 जनवरी (हि.स.)। शासन स्तर से सदर तहसील क्षेत्र के 14 गांव ईको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिए गए हैं। ऐसे में अब यहां खनन कार्य नहीं हो सकेगा और न ही स्वीकृति मिलेगी। पहले से स्वीकृत खनन पट्टा भी निरस्त कर दिया गया है। प्रतिबंध के बाद भी ऐसा खनन व परिवहन करने पर बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वन्य जीव अधिनियम एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग उत्तर प्रदेश शासन ने वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1927 की धारा 18 की उपधारा (1) के अधीन मीरजापुर के सदर तहसील अंतर्गत मिश्रपुर, नगवासी, बसेवरा कलां, खैरा, गोगांव, बेहरा, देवारी मुगौरा, कासी सरपाती, भौरूपुर सतलपत्ती, बसेवरा खुर्द, बजता, अर्जीखेरा, चकचेहरा एवं चककौन गांव की सीमा को ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया है। इन गांवों की सीमा गंगा नदी की सीमा से मिलती है। ऐसे में अब ईको सेंसिटिव जोन घोषित होने से कछुआ वन्य जीव विहार के अंतर्गत गंगा नदी के दोनों तट से आबद्ध 30 किलोमीटर लंबाई क्षेत्र में और इसकी सीमा से बाहर कम से कम 10 किलोमीटर की परिधि में बालू खनन के लिए पट्टा स्वीकृत नहीं किए जाएंगे। साथ ही पूर्व में स्वीकृत बालू खनन पट्टों को तत्काल निरस्त किए जाने के निर्देश हैं।
सर्वोच्च न्यायालय, शासनादेश व सामाजिक वानिकी प्रभाग प्रयागराज के प्रभागीय निदेशक के निर्देश के अनुपालन में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने ईको सेंसिटिव जोन में बालू खनन व परिवहन प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही खनन पट्टा भी निरस्त कर दिया है। प्रतिबंध के बावजूद गंगा नदी में बालू खनन व परिवहन करते पाए जाने पर वन्य जीव अधिनियम एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित