जयपुर सेंट्रल जेल में फिर चलाया सर्च अभियान

जयपुर, 10 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल को जयपुर सेंट्रल जेल से मिली धमकी के बाद शनिवार को तलाशी अभियान चलाया गया। शनिवार को पुलिस और प्रशासन के तीन सौ से अधिक अधिकारियों और जवानों ने सर्च किया। सुबह साढ़े छह बजे जेल में जाब्ता बुलाया गया। जाब्ता आने के बाद पुलिसकर्मियों के सभी मोबाइल फोन जमा करवाकर उनकी तलाशी ली गई। इसके बाद पुलिस उपायुक्त पूर्व और एडीएम जयपुर सिटी के साथ सभी पुलिसकर्मी जेल में गए और बंदियों और कैदियों की तलाश ली। करीब नौ बजे तक चले इस सर्च के दौरान जेल से कोई भी संदिग्ध या प्रतिबंधित वस्तु नहीं मिली।

सेंट्रल जेल से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मिली धमकी के बाद से जेल प्रशासन भी अलर्ट हो चुका है। जेल में आने वाले बंदियों और कैदियों के जेल में प्रवेश से पहले उनकी अच्छी तरह से जांच की जाती है। वहीं, जेल में ड्यूटी देने आने वाले प्रहरी और सुरक्षा करने के लिए आने वाले जवानों की भी जांच और अधिक बढा दी गई है। हाल ही में जोधपुर जेल में भी मोबाइल मिलने से वहीं के जेलर को हटा दिया गया था। इसके बाद से जेलों में सख्ती दिखाई दे रही हैं।

पुलिस महानिदेशक जेल भूपेन्द्र दक ने बताया कि जेलों में कई बार देखा गया कि कैदियों के पास मोबाइल मिल रहे हैं। जिस पर सभी जेलों को इसे लेकर कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए गए। हालही में जयपुर जेल से एक कैदी के द्वारा फेक कॉल किया गया था जिस पर एक्शन लेते हुए अधीक्षक सहित प्रहरियों को तत्काल हटा दिया गया। लापरवाही सामने आने पर तत्काल एक्शन किया जा रहा है। जेल में जेल प्रशासन की ओर से भी समय-समय पर औचक निरीक्षण कराया जाता है। जिस से कैदियों में खौफ रहता हैं। साथ ही संदिग्ध वस्तु मिलने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाती है।

जिला कलक्टर साल में दो बार करवा सकते हैं सर्च

जिला कलेक्टर के पास पावर होती है कि वह साल मे दो बार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी या खुद जेल में औचक निरीक्षण कर सकते हैं। अगर इस दौरान उन्हें जेल में कोई लापरवाही या संदिग्ध वस्तु मिलती है तो वह जेल प्रशासन के खिलाफ कड़ा एक्शन भी ले सकते हैं। वहीं, जिला कलेक्टर को जेल में सर्च के लिए किसी की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होती।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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