ममता बनर्जी के दौरे से पहले आरामबाग को जिला बनाने की तेज हो रही है मांग
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- Feb 11, 2024
आरामबाग, 11 फरवरी (हि.स.)। आगामी 12 फरवरी को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हुगली जिले के आरामबाग में एक प्रशासनिक सभा को संबोधित करने वाली हैं। लेकिन इससे पहले आरामबाग को जिला बनाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।
भगवा खेमे के लोग पहले ही आरामबाग जिले की मांग को लेकर बीडीओ कार्यालय और महकमा कार्यालय को ज्ञापन सौंप चुके हैं। आरामबाग के कई इलाकों को नगर पालिका बनाने की भी मांग की गई है। जनसंख्या का हवाला देकर भी लोग आरामबाग को जिला बनाने की मांग की जा रही है। इसके अलावा आरामबाग शहर से होकर मेदिनीपुर, झारग्राम, बांकुड़ा, बर्दवान और हावड़ा जिलों के साथ सीधे संपर्क के लिए एक सड़क है। संचार व्यवस्था अच्छी तरह विकसित है।
आरामबाग को जिला बनाने की मांग करने वालों का दावा है कि वर्तमान में आरामबाग शहर के माध्यम से चौड़ी सड़क जिला शहर के लिए उपयुक्त है। आरामबाग में कुछ सरकारी कार्यालय हैं जहां जिले का लगभग सारा काम होता है। दूसरे शब्दों में, जिला बनाने के लिए बुनियादी ढांचे के मामले में आरामबाग बहुत आगे है। इस बीच, आरामबाग से हुगली जिला मुख्यालय तक पहुंचने में लगभग तीन घंटे लगते हैं। कुछ मामलों में इसमें चार घंटे से भी अधिक समय लग जाता है। आरामबाग को राजनीतिक गतिविधियों को व्यवस्थित करने के लिए एक अलग सांगठनिक जिले के रूप में देखा जाता है।
जानकार कई लोग कहते हैं कि किसी भी जिला मुख्यालय आमतौर पर जिले के केंद्र के पास होता है लेकिन हुगली जिला अंडाकार है। एक छोर पर चुंचुड़ा है और विपरीत छोर पर आरामबाग महकमा है।
कुछ लोगों का कहना है कि आरामबाग जिले की मांग आज से नहीं, बल्कि करीब दो सौ साल पहले की है। इतिहास कहता है कि वर्ष 1846 में हुगली जिले को प्रशासनिक सुविधा के लिए दो प्रभागों में विभाजित किया गया था। पहला, शहरी केंद्रित द्वारहट्टा (श्रीरामपुर) और दूसरा पिछड़ा ग्रामीण केंद्रित जहानाबाद (आरामबाग)। वर्ष 1872 में, घाटाल और चंद्रकोना के साथ जहानाबाद (आरामबाग) और गोघाट मेदिनीपुर जिले में चले गए। सात साल बाद जहानाबाद (आरामबाग) और गोघाट हुगली जिले में लौटे।
आंकड़ों के मुताबिक, हुगली जिले का आरामबाग महकमा एकमात्र महकमा है जहां 95 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं। वहीं श्रीरामपुर महकमे के मामले में यह संख्या केवल 27 फीसदी है। इस बीच, पिछली विधानसभा से पहले, भाजपा ने आरामबाग के लोगों से वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो आरामबाग जिला बनाया जाएगा। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने राजनीतिक कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिए आरामबाग सांगठनिक जिला बनाया। भाजपा भी ने आरामबाग सांगठनिक जिला बनाया। हिन्दुस्थान समाचार /धनंजय /गंगा