राज्यपाल असम कृषि विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

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-एएयू से बड़ी आबादी को पौष्टिक भोजन खिलाने, मांग और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने के लिए नए कदम उठाने का आह्वान किया

जोरहाट (असम), 17 फरवरी (हि.स.)। असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि असम कृषि विश्वविद्यालय और इसके स्नातकों को पर्यावरण और जैव विविधता पर ध्यान देते हुए बढ़ती आबादी के लिए पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए संतुलित प्रयास करने में सबसे आगे रहना चाहिए।

आज जोरहाट में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित असम कृषि विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण और जैव विविधता पर कोई बोझ डाले बिना बढ़ती आबादी के लिए पौष्टिक भोजन का उत्पादन एक चुनौती है, जिसे विश्वविद्यालय और स्नातक बिरादरी को चुनौती को अवसर में बदलने का प्रयास करना चाहिए। राज्यपाल ने स्नातकों से कहा कि कृषि विज्ञान के छात्र के रूप में उनके पास अपनी सीख को व्यवहार में लाने का अवसर है। उन्हें कृषक समुदाय के साथ मिलकर कृषि के विकास के लिए काम करना चाहिए।

कटारिया ने कहा कि असम कृषि विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इसके बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन विकास में वृद्धि से राज्य में कृषि विकास में भी मदद मिल रही है। स्नातकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, “कृषि में अपना करियर बनाने का आपका निर्णय हमारे किसानों की मदद करने के लिए आपके लिए अपार संभावनाएं खोलता है। इन अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, आपको अपने ज्ञान और क्षमताओं का विस्तार करने के लिए नवीनतम नवाचारों से अवगत रहना होगा। देश को एक समृद्ध राष्ट्र बनाने में आपके प्रयास निश्चित रूप से सार्थक साबित होंगे।”

राज्यपाल ने खाद्यान्न उत्पादन के मामले में देश की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत 'खाद्य संकट वाले देश' की श्रेणी से बाहर निकलकर 'खाद्यान्न निर्यातक देश' बन गया है। राज्यपाल ने कहा, हमारे नीति निर्माताओं, कृषि वैज्ञानिकों और किसान भाइयों और बहनों ने इस संबंध में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राज्यपाल ने बढ़ती जनसंख्या, घटती कृषि भूमि, गिरते भूजल स्तर, घटती मिट्टी की उर्वरता, जलवायु परिवर्तन आदि मुद्दों पर विचार करते हुए कृषि स्नातकों से इन चिंताओं का समाधान खोजने की जिम्मेदारी लेने को कहा। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारों ने किसानों की सहायता के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों के रूप में कई नवीन कदम उठाए हैं, जो किसानों की स्थिति में सुधार करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। वित्तीय सुरक्षा, कौशल विकास, बाजार पहुंच और टिकाऊ कृषि पद्धतियां प्रदान करके किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। राज्यपाल ने किसानों को सशक्त बनाने और उनके उत्थान के लिए शुरू की गई कई किसान कल्याण योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र को पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र की सराहना की। गौरतलब है कि दीक्षांत समारोह में 1500 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई।

दीक्षांत समारोह में कृषि मंत्री अतुल बोरा, नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद, असम कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिद्युत सी. डेका, डीन, विभागों और केंद्रों के प्रमुख और संकाय सदस्य उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/आकाश

   

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