उत्तराखंड में राज्य कर विभाग का छापा, पकड़ी 1.65 करोड़ की जीएसटी चोरी

- फर्जी बिलों का प्रयोग कर जीएसटी चोरी कर रही थी फर्म

- देहरादून में प्रचार सामग्री की सप्लाई करने वाली फर्म का मामला

- न बेचे गए माल, न खरीद और न ही माल के परिवहन का कोई प्रमाण

देहरादून, 17 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड में जीएसटी चोरी में लिप्त फर्म पर राज्य कर विभाग ने शनिवार को छापा मारा। सरकारी विभागों से टेंडर प्राप्त करने वाली फर्म जीएसटी चोरी के लिए फर्जी बिलों का प्रयोग कर रही थी। राज्य कर आयुक्त के निर्देश पर राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त मनमोहन असवाल एवं टीका राम चन्याल की टीम ने प्रचार सामग्री की सप्लाई करने वाली दून यूनिवर्सिटी रोड देहरादून स्थित एक फर्म स्वामी के व्यापार स्थल एवं घर की जांच की तो 1.65 करोड़ जीएसटी चोरी का मामला प्रकाश में आया।

सूचना एवं लोक संपर्क विभाग से प्राप्त किया है 18 करोड़ का भुगतान-

टीम ने जांच में पाया कि फर्म ने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग उत्तराखंड से लगभग 18 करोड़ का भुगतान प्राप्त किया है और जीएसटी चोरी के उद्देश्य से दिल्ली की कुछ फर्मों से बोगस इनवाइस प्राप्त किए गए हैं। इन फर्मों के पास न बेचे गए माल, न खरीद और न ही माल के परिवहन का कोई प्रमाण था।

गोपनीय जांच एवं डाटा एनालिसिस पर यह भी पाया गया कि ये बोगस फर्में टायर की खरीद अस्तित्वहीन फर्मों से दिखा रही थी। आगे देहरादून की फर्म को पेंटिंग, फ्लैक्स की बिक्री दिखा रही थी। प्रथम दृष्टया लगभग 1.65 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला प्रकाश में आया है। फर्म के व्यापार स्थल पर कोई काम होता नहीं पाया गया। फर्म स्वामी द्वारा घर पर जांच के दौरान 33.20 लाख रुपये जमा कराए गए हैं। बाकी टैक्स की ब्याज सहित वसूली के लिए कार्रवाई की जा रही है। राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा हरिद्वार ने भी जीएसटी चोरी कर रही फर्मों पर छापेमारी कर 20 लाख रुपये जमा कराए। जांच टीम में राज्य कर अधिकारी असद अहमद, अलीशा बिष्ट, ईशा, गजेंद्र सिंह भंडारी, शैलेंद्र चमोली एवं निरीक्षक हेमा पुंडीर थे।

टैक्स चोरी करने वाले फर्म की जाएंगी चिन्हित, कार्रवाई के निर्देश-

राज्य कर आयुक्त ने बोगस बिलिंग या फर्जी इनपुट का लाभ उठाकर कर जीएसटी चोरी करने वाली अन्य फर्मों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही समस्त करदाताओं से भी अपील की कि वे समय से रिटर्न दाखिल कर देय कर को जमा करें। यदि इस संबंध में कोई समस्या हो तो हेल्पलाइन नंबर 1800120122277 से संपर्क कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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