हुगली के तृणमूल नेताओं ने गांधीजी का अनादर करने से केंद्रीय निधि रोकने के लिए भाजपा को घेरा
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- Feb 02, 2024
हुगली, 02 फरवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने शुक्रवार को सड़कों पर आकर 2021 से लंबित केंद्रीय निधि के त्वरित वितरण की मांग करते हुए बंगाल के अधिकारों को लेकर आंदोलन शुरू किया। इसी बीच हुगली जिले के तृणमूल नेताओं ने भी शुक्रवार को भाजपा को आड़े हाथों लिया।
तृणमूल कांग्रेस के श्रीरामपुर-हुगली सांगठनिक जिले की चेयरमैन और धनियाखली की विधायक असीमा पात्रा ने कहा कि आज मनरेगा दिवस है। यह योजना गरीब लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थी और इसका नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया था। लेकिन, केंद्र की निरंकुश सरकार दो साल से बंगाल के 21 लाख मजदूरों का वेतन नहीं दे रही है। वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में हारने के बाद भाजपा प्रतिशोध की राजनीति कर रही है और उसने मनरेगा के तहत सात हजार करोड़ रुपये रोक दिए हैं। जो लोग गांधीजी के सिद्धांतों का पालन नहीं करते वे गरीबों की समस्याओं के बारे में नहीं सोच सकते।
अहंकार की अपनी संस्कृति को कायम रखते हुए, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मनरेगा और आवास योजना सहित कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए पश्चिम बंगाल का 1.15 लाख करोड़ रुपये का बकाया देने से इनकार कर दिया है। जहां मनरेगा के तहत सात हजार करोड़ रुपये लंबित हैं, वहीं आवास योजना के लिए निर्धारित लगभग 8,200 करोड़ रुपये भी केंद्र द्वारा रोके गए हैं।
हरिपाल से तृणमूल कांग्रेस के विधायक कर्वी मन्ना ने कहा कि आज मनरेगा दिवस है। गरीब लोगों को अधिकार देने के लिए, 2006 में गांधीजी के नाम पर मनरेगा कानून लागू किया गया था, लेकिन तानाशाह भाजपा सरकार ने बंगाल के 21 लाख श्रमिकों को वंचित कर दिया और सात हजार करोड़ रुपये रोक दिए।
इसी तरह, पांडुआ से तृणमूल कांग्रेस की विधायक रत्ना दे नाग ने कहा कि मनरेगा अधिनियम का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले लाखों गरीब लोगों को भुगतान करना है। लेकिन, बंगाल के 21 लाख मजदूरों को उनके वाजिब वेतन नहीं मिला है। गांधी जी की तस्वीर को सबसे आगे रखकर गंदी राजनीति करना भाजपा की आदत है जो कभी नहीं जायेगी। इसलिए हम अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक हमें वह पैसा नहीं मिल जाता जिसके हम हकदार हैं।
तृणमूल कांग्रेस के हुगली-आरामबाग जिलाध्यक्ष रामेंदु सिंह राय ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि महिलाओं सहित गरीब और वंचित लोगों ने मनरेगा के काम के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन आज तक, उनके योग्य वेतन को अनैतिक रूप से रोक दिया गया है जिसका परिणाम है कि बंगाल के गरीबों को विपरीत परिस्थितियों में जीवन यापन करना पड़ रहा है। यहां तक कि आवास योजना की राशि भी रोक दी गयी है। मैं इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार की निंदा करता हूं। चाहे वह भोजन हो या आश्रय, उन्हें किसी भी बुनियादी आवश्यकता या गरीबों की भलाई की परवाह नहीं है। उनके लिए चुनाव जीतना ही सब कुछ है।
तृणमूल महिला कांग्रेस की हुगली-श्रीरामपुर जिलाध्यक्ष शिल्पी चटर्जी ने भी इसी तरह की अभिव्यक्ति दोहराई और कहा कि मुख्य रूप से, 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव हारने के कारण, बदला लेने के लिए, उन्होंने फंड रोक दिया है। जो लोग गांधीजी के आदर्शों का अपमान करते हैं, यह सामान्य बात है कि वे गरीब लोगों की भलाई के बारे में चिंता नहीं करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार /धनंजय /गंगा