सैम्पलिंग व लाइसेंस में हो रहे उत्पीड़न के विरोध में उतरे व्यापारी

अभिहित अधिकारी को ज्ञापन देते हुए व्यापारी

-खेती में रासायनिक खाद व कीटनाशक के मानक तय नहीं

- व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा : लोकेश अग्रवाल

मेरठ, 20 फरवरी (हि.स.)। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत ने व्यापारियों के उत्पीड़न के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को संगठन के बैनर तले व्यापारियों ने खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम में व्यापारियों के उत्पीड़न के विरोध में अभिहित अधिकारी को ज्ञापन दिया।

संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों ने ज्ञापन देकर कहा कि बिना अपराध सजा देने वाले काले कानून में सुधार की आवश्यकता है। पैकिंग के सामान में थोक व रिटेल के व्यापारी का कोई अपराध सैम्पल फेल आने पर या पैकिंग के मानकों पर खरा न उतरने की स्थिति में होता है, परन्तु रिटेल व थोक के व्यापारियों को भी सजा व जुर्माने से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसमें उनका कोई अपराध नहीं हैं। शमन की व्यवस्था अधिनियम में दी गई है, परन्तु प्रदेश सरकार में बैठे अधिकारी उसे लागू नहीं कर रहे हैं, जिससे छोटे व्यापारियों को अनावश्यक अदालत व वकीलों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी को खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम में न्याय निर्धारण अधिकारी बनाया गया है, जो कि बिलकुल गलत है। प्रशासनिक अधिकारियों को फूड एक्ट के विषय में पूर्ण जानकारी न होने के कारण सिर्फ राजस्व वसूली के लिए अधिनियम की धारा-49 का पालन न कर उल्टे-सीधे जुर्माने लगा रहे हैं, जिससे आम व्यापारी का उत्पीड़न हो रहा है। इससे अनावश्यक मुकदमों का बोझ व्यापारी व सरकार पर बढ़ रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनमाने तरीके से सैम्पलिंग करते हैं, जिसमें खाद्य पदार्थ की कीमत व फार्म-5 व्यापारी को नहीं दिया जाता है।

लोकेश अग्रवाल ने कहा कि खेती में कीटनाशक व रासायनिक खादों के मानक तय न होने के कारण खाद्य पदार्थों के मानक तय करना सिरे से गलत है। मानकों के आधार पर व्यापारी को सजा व जुर्माना, जिसमें उसका कोई अपराध नहीं है, सजा व जुर्माना भारतीय संविधान की भावना के विपरीत है। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष राजकुमार त्यागी, निशांत अग्रवाल, विजय मान, विकास त्यागी और अतुल्य गुप्ता आदि शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/सियाराम

   

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