बनवारी लाल पुरोहित और पंजाब की भगवंत मान सरकार के बीच रहे कई विवाद

चंडीगढ़, 3 फरवरी (हि.स.)। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पंजाब के राज्यपाल के पद पर बनवारी लाल पुरोहित भले ही दो साल 127 दिनों तक रहे, लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के सत्ता में आने के बाद वह कई बातों को लेकर सुर्खियों में रहे। पंजाब की मौजूदा भगवंत मान सरकार के साथ कई मामलों में विवाद होता रहा है।

बनवारी लाल पुरोहित जब पंजाब के राज्यपाल बने, तब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस की सरकार थी। बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दिया तो कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव हुए। आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्ड बहुमत के साथ जीत दर्ज की। उस दौरान बनवारी लाल पुरोहित ने भगवंत मान को मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई।

19-20 जून 2022 को बुलाए गए विधानसभा के स्पेशल सेशन में चार बिल पास कर मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजे गए थे। इनमें द सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल, पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, पंजाब यूनिवर्सिटी लॉ अमेंडमेंट बिल और पंजाब एफिलिएटेड कॉलेज (सेवाओं की सुरक्षा) संशोधन बिल शामिल थे। गवर्नर ने एक्सपर्ट की राय पर इन चारों बिलों और स्पेशल सेशन को गैरकानूनी ठहरा दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। कोर्ट ने माना कि राज्यपाल एक अनिर्वाचित राज्य प्रमुख है और उसके पास विधायिकाओं की कानून बनाने की शक्तियों को रोकने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने स्पेशल सेशन को वैध ठहरा दिया था।

पुरोहित ने ड्रग को लेकर सवाल उठाए

राज्यपाल रहते हुए बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब के बॉर्डर जिलों का दौरे करते हुए लोगों से बातचीत में ड्रग को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। राज्यपाल ने यह तक कह दिया कि बॉर्डर बेल्ट में किराना दुकानों पर भी सरेआम ड्रग बिक रहा है। साल 2023 में पंजाब सीएम भगवंत मान से विवाद के बीच बनवारी लाल पुरोहित ने कहा था कि वह पंजाब सरकार का हेलिकॉप्टर प्रयोग नहीं करेंगे। पहले भी उन्होंने तीन-चार बार ही हेलिकॉप्टर प्रयोग किया है वह भी बार्डर पर जाने के लिए। हेलिकॉप्टर पर सिर्फ मुख्यमंत्री का ही अधिकार नहीं है। वह अकेले हेलिकॉप्टर में नहीं गए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/वीरेन्द्र

   

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