फाइलेरिया से बचाव की दवा सेवन से कोई न रहे वंचित: ब्रजेश पाठक

-प्रदेश के 17 जिलों में 10 फरवरी से चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान

-स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर अपने सामने ही कराएंगे दवा का सेवन

-स्वास्थ्य इकाइयों पर भी बनाए जाएंगे दवा सेवन के लिए बूथ

लखनऊ, 04 फरवरी (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया है कि फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने से कोई भी वंचित न रहे। घर-घर जाकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को अपने सामने ही दवा का सेवन कराएं। यदि घर पर कोई अनुपस्थित है तो दोबारा भ्रमण कर दवा का सेवन कराएं। दवा का वितरण कदापि न करें।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 17 जिलों में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन अभियान (एमडीए, आईडीए राउंड) चलाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि शत-प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य केंद्रों पर इसके लिए बूथ भी बनाए जाएं। जिला अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) को फाइलेरिया रोधी औषधि के सेवन के लिए बूथ के रूप में चयनित किया जाए। जिन जिलों में मेडिकल कालेज हैं वहां पर भी बूथ संचालित किया जाए, ताकि जो लोग घर पर दवा का सेवन न कर पाएं वह खुद से बूथ पर पहुंचकर दवा का सेवन कर सकें। उनका कहना है कि फाइलेरिया के लक्षण जैसे- हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि पांच से 15 वर्ष में दिखाई देते हैं, इसलिए हर कोई अपने को फाइलेरिया ग्रसित मानकर दवा का सेवन करें और खुद के साथ समुदाय को इस बीमारी से सुरक्षित बनाएं। एमडीए के प्रति सामाजिक जागरूकता और दवाओं का सेवन सुनिश्चित करने के लिए सक्षम वातावरण का निर्माण करना कार्यक्रम की सफलता का मुख्य स्तम्भ है। उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग जैसे पंचायती राज, ग्रामीण एवं शहरी विकास और महिला एवं बाल विकास विभाग से कहा है कि उनके सभी फ्रंटलाइन कार्यकर्ता व विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्यों के साथ घर-घर पहुंचे और 10 से 28 फरवरी तक चलने वाले एमडीए अभियान के दौरान दवाओं का शत-प्रतिशत सेवन कराएं।

इन जिलों में चलेगा अभियान

अभियान के अंतर्गत जनपद अमेठी, आजमगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, हमीरपुर, जौनपुर, जालौन, लखनऊ, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी में दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा। अमेठी, आजमगढ़, बांदा, बाराबंकी, बरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी में ट्रिपल ड्रग (आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा। जबकि बलिया, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर और सोनभद्र में डबल ड्रग (डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा।

अभियान में विभिन्न विभागों का लिया जाए सहयोग

बेसिक शिक्षा विभाग के सहयोग से विद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित कर बच्चों को दवा सेवन के बारे में जागरूक किया जाए। ग्राम विकास/पंचायती राज विभाग खुली बैठक कर, डुगडुगी, एनाउंसमेंट, दीवार लेखन आदि के जरिए अभियान के बारे में प्रचार-प्रसार करें और ग्राम प्रधान स्वास्थ्यकर्मी के सामने खुद दवा का सेवन कर अभियान की शुरुआत करें। उत्तर प्रदेश आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह भी प्रचार-प्रसार कर अभियान को सफल बनाएं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए भी लोगों को प्रेरित किया जाए। खाद्य एवं रसद विभाग के तहत समस्त कोटे की दुकान पर अभियान से संबंधित पोस्टर-बैनर लगाएं। सूचना विभाग अभियान के बारे में सिनेमा हाल, केबल नेटवर्क आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराए। नगर विकास विभाग जनप्रतिनिधियों की मदद से अभियान की शुरुआत कराए। जनप्रतिनिधि खुद दवा का सेवन कर लोगों को प्रेरित करें। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मदरसों के हर क्लास के बच्चों के अभिभावकों व अध्यापकों का व्हाट्सएप ग्रुप बनवाए और फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन के फायदे संबंधी वीडियो व अन्य जरूरी संदेश साझा करवाएं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/आकाश

   

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