रतलाम, 7 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के सिखेडी गांव सहित आसपास के गांवों में लगातार बदलते मौसम के बीच अफीम की फसल पर अब सफेद फूल खिलने लगे है। जबकि अफीम की फसल पर सफेद व काली मस्सी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। अफीम की फसल पर सफेद मस्सी व काली मस्सी लगी है। इससे बचाव के लिए किसान कीटनाशक का छिडक़ाव कर रहे है। वहीं फूल आने के साथ किसान अफीम की सुरक्षा में लगातार खेतों पर पहरा दे रहे है। वर्तमान में मौसम फसल के अनुकूल है। ऐसे में फसलो ने बेहतर चाल पकड़ ली है।
किसान लोकेंद्र कुमार पंड्या व राधेश्माम पंवार ,पृथ्वीराज जाट, रमेश जाट, रमेश शर्मा, राजेन्द्र सिंह आदि किसानों को लाइसेंस प्राप्त किया है। किसान लोकेंद्र पण्ड्या ने बुधवार को बताया कि 10 ऑरी के पट्टे पर अफीम बोवनी की थी। फसल को 85 दिन हो गए हैं। अब फसल चल पकड़ चुकी है और सफेद फूल भी आने लगे है। पखवाड़े भर में अफीम आने की स्थिति में आ जाएगी। अफीम फसल पर वर्तमान में सफेद व काली मस्सी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। फूल आना तो शुरु हो गए हैं, लेकिन रोगों का प्रकोप भी इस फसल पर बढ़ता जा रहा है।
पक्षियों से बचाव के लिए ऊपर लगाई नेट की जाल
किसानों ने बताया कि अफीम फसल पर फूल व डोडे बनना शूरू हो चूके है तो वही क्षेत्र में अफीम फसल के चारों ओर पक्षी भी विचरण करने लगे है ,जिसके चलते अफीम की फसल में डोड़े आने के बाद पक्षी ,तोते सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते है। इनसे बचाव के लिए पूरे क्षेत्र में किसानों द्वारा फसल पर नेट जाली लगाकर उसके सुरक्षित कर रखा है।
झुके नहीं इसलिए बांध रहे पौधों को
किसानों ने बताया कि अभी वर्तमान में फसल पर फूल आने शूरू हो चूके हैं और 10 से 15 दिनों में चीरा लगाने की स्थिति जा जाएगी। वहीं कुछ किसानों को सीपीएस के तहत भी लाइसेंस मिले हैं जो कि फसल पक जाने के बाद डंडी सहित डोडो को तोडक़र अफीम विभाग को गोदाम के तहद तोला जाएगा ऐसे में अभी से ही किसान अफीम की सुरक्षा में जुट गए है।
किसान कर रहे रातभर जागरण
जंगली सुअर और नील गाय रात में नुकसान न कर दे, इसलिए किसानों को रातभर जागरण भी करना पड़ता है। वह दो-दो पाली में रखवाली कर फसल को बचा रहे हैं। खेत के चारों तरफ तार फेंसिंग और नेट भी लगा रखी है ताकि जंगली जानवर अफीम की फसल को नष्ट न कर सके।
हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी/मुकेश