मप्र कैबिनेटः विश्वविद्यालय कर्मियों को सातवें वेतनमान के हिसाब से मिलेगी पेंशन

भोपाल, 14 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में अयोध्या के तर्ज पर मध्य प्रदेश के चित्रकूट का विकास किए जाने का फैसला हुआ। इसके लिए चित्रकूट विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के चार प्रमुख धर्मस्थलों पर रोपवे बनाएं जाएंगे। इसमें उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक का रोपवे भी शामिल है। बैठक में प्रदेश में विश्वविद्यालय कर्मियों को सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन देने के प्रस्ताव पर मुहर लगी।

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के गायन के साथ कैबिनेट की बैठक प्रारंभ हुई। बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य शासन के प्रथम तीन माह वित्तीय दृष्टि से उपलब्धिपूर्ण रहे हैं। राज्य शासन द्वारा कोई भी योजना बंद नहीं की गई है। राजस्व और पूंजीगत व्यय की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराज्यीय हवाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में हवाई सेवा आरंभ की जा रही है। ग्वालियर और जबलपुर के लिए यह सेवा आज से आरंभ होगी, जिसका विस्तार सागर, रीवा, रतलाम और अन्य स्थानों पर किया जाएगा। साथ ही धार्मिक पर्यटन को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए भी हवाई सेवा आरंभ की जा रही है। अभी इंदौर को केंद्र बनाते हुए उज्जैन और ओंकारेश्वर के लिए हवाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दोनों हवाई सेवाओं का नाम प्रधानमंत्री के नाम पर रखते हुए 'पीएमश्री' रखा गया है। इससे धार्मिक पर्यटन बढ़ने के साथ-साथ बड़े शहरों से कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी।

विजयवर्गीय ने बताया कि बताया कि मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को अब सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन मिलेगी। बैठक में चित्रकूट के विकास के लिए चित्रकूट विकास प्राधिकरण बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इसके लिए 20 करोड़ रुपये किए स्वीकृत किए गए। आदिवासी बसाहटों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए नई सड़क बनाई जाएगी। केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए 24000 करोड रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल समिति बनाने का निर्णय लिया गया। यह समिति अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए संचालित छात्रावासों को सुविधासंपन्न बनाने के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत करेगी। वहीं, राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम योजना के तहत राज्य और केन्द्र सरकार के सहयोग से धार्मिक पर्यटक स्थलों पर रोपवे बनाने की योजना है। मध्यप्रदेश के कुछ स्थानों पर रोपवे का निर्माण किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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