हिसार: रुपये भेजने की बात कहकर ठगी का जाल बिछा रहे साइबर अपराधी: मोहित हांडा

पुलिस अधीक्षक ने बताया, किस प्रकार पैसे भेजने के नाम पर हो रही ठगी

हिसार, 16 मार्च (हि.स.)। पुलिस अधीक्षक मोहित हांडा ने कहा है कि साइबर अपराधी आमजन को ठगने के लिए तरह तरह के तरीके अपना रहे है। मोबाइल युग में आमजन को अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पैसे आते किसी को बुरे नहीं लगते, इसलिए जब कोई रुपये देने की बात करता है तो कोई भी ज्यादा गौर नहीं करता। साइबर ठग आमजन के इस व्यवहार का फायदा उठा रहे हैं। साइबर ठगों का एक तरीका यह भी है जिसमें ठग आपके रिश्तेदार या जानकार को रुपये देने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। इसलिए जब कोई कॉल कर रुपये देने की बात करे तो सावधान हो जाएं।

पुलिस अधीक्षक मोहित हांडा ने शनिवार को कहा कि साइबर अपराधी आमजन को फोन पर कहते है कि 'हेलो, आपके पिता को रुपये देने थे, उन्होंने आपका नंबर देकर आपको रुपये भेजने के लिए कहा है।' ये ठग इसी तरह की कॉल लोगों को कर रहे हैं। वह साथ में आपके पिता, किसी रिश्तेदार या किसी जानकार का नाम भी लेते हैं, जिससे कॉल सुनने वाला आसानी से उनके झांसे में आ जाता है। फिर सामने वाला रुपये देने की बात कर रहा होता है, इस कारण भी ज्यादातर लोग इस पर गौर नहीं करते। जिसके पास कॉल आई होती है वह बोलता है रुपये भेज दो। इसलिए वह आरोपी को अपनी यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड भी दे देता है। यहां तक सब ठीक होता है लेकिन कुछ देर बाद जब कॉलर बोलता है कि रकम ट्रांसफर हो गई है और बाकायदा टारगेट के पास रुपये क्रेडिट होने का मैसेज भी आता है। उन्होंने बताया कि लोगों के पास जो रुपये क्रेडिट होने का मैसेज आता है, असल में वो एक पॉप मैसेज होता है, जिसे साइबर अपराधी ही जनरेट करते हैं। इसकी भाषशैली वैसे ही होती है, जैसे किसी बैंक से आए मैसेज की होती है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

   

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