नफरत' के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है न्याय यात्रा- प्रदेश सचिव कैप्टन सत्यम ठाकुर

मुंबई,17 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 15 मार्च को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के साथ आदिवासी बाहुल्य जिले पालघर पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उनके स्वागत के लिए उमड़े। पालघर में राहुल गांधी की यात्रा का एक बड़ा मकसद आदिवासियों की समस्या को उठाकर उनके बीच पार्टी की जड़ें मजबूत करना है। इसीलिए राहुल की यात्रा जनजातीय इलाके मोखाडा के रास्ते पालघर में दाखिल हुई। राहुल गांधी की यात्रा और लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। राहुल गांधी ने आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस को एकजुट करने का प्रयास कर कांग्रेस में फिर से जान फूंकी है। राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान आदिवासी और दलित और पिछड़े वर्ग को साधने की बड़ी कोशिश की। उन्होंने कांग्रेस को इन वर्गों का हिमायती बताते हुए पीएम मोदी को जमकर घेरा। ऐसे में पालघर में सियासी पारा चढ़ गया है। राहुल गांधी की इस यात्रा के सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। राहुल गांधी ने आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों की जमीनी समस्याओं को अपनी न्याय यात्रा में खूब उठाया। आदिवासियों में राहुल गांधी की न्याय यात्रा का असर भी दिखना शुरू हो गया है। आदिवासियों का कहना है, कि राहुल गांधी ने हमारी जमीनी समस्याओं के साथ -साथ मूलभूत समस्याओं पर गौर किया। जो ये बताता है, कि उन्होंने आदिवासियों और पिछड़ों के विकास का रोडमैप तैयार कर रखा है।

हिंदुस्थान समाचार/योगेंद्र

   

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