ग्वालियरः व्यय प्रेक्षक सुमिथा ने जानीं चुनावी खर्चे की निगरानी कर रहे प्रकोष्ठों की गतिविधियां

- संदेहास्पद लेनदेन, अवैध मदिरा, टोकनों के बदले उपहार इत्यादि पर पैनी नजर रखने पर दिया जोर

ग्वालियर, 13 अप्रैल (हि.स.)। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जिले में लोकसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों व प्रत्याशियों के खर्च पर निगरानी रखने के लिए नियुक्त व्यय प्रेक्षक पी. सुमिथा ने शनिवार को क्रॉस फंक्शनल प्रक्रिया से जुड़े विभागों व व्यय प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने दो अलग-अलग बैठकों के माध्यम से निर्वाचन व्यय प्रेक्षक को क्रॉस इंफोर्समेंट विभागों सहित एफएसटी, एसएसटी, व्हीएसटी व वीवीटी द्वारा अब तक की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही इन सभी के कार्य करने की प्रक्रिया भी बताई।

निर्वाचन व्यय प्रेक्षक सुमिथा ने राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों के चुनावी खर्चे पर नजर रखने के लिये की गईं तमाम व्यवस्थाओं की वस्तुस्थिति समझी और इस पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही कहा कि हर संदेहास्पद लेनदेन व धन का अवैध परिवहन, अवैध रूप से शराब का वितरण व भण्डारण, टोकनों के बदले उपहार, राजनैतिक, सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में उपहार वितरण सहित हर प्रकार की ऐसी गतिविधि पर नजर रखी जाए, जिनसे स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न होने में बाधा उत्पन्न होने की संभावना हो।

बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने जानकारी दी कि कोई भी राजनैतिक दल व प्रत्याशी चुनावी खर्चा छुपा न पाए इसके लिये व्यय प्रकोष्ठ पूरी तरह मुस्तैद होकर काम कर रहा है। निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के तहत गठित इन प्रकोष्ठों के जरिए चुनाव प्रचार पर पैनी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा चुनाव प्रचार पर खर्च की गई पाई-पाई का हिसाब संबंधित प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जायेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी दी कि चुनाव प्रचार से संबंधित खर्चे का हिसाब किताब रखने के लिये कलेक्ट्रेट के प्रथम तल पर स्थित स्व. टी. धर्माराव सभागार में निर्वाचन व्यय प्रकोष्ठ गठित किया गया है। इसी तरह प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक व सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले चुनावी विज्ञापन एवं पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए मीडिया अनुवीक्षण एवं प्रमाणन समिति (एमसीएमसी) की देखरेख में संभागीय जनसपंर्क कार्यालय में 24 घंटे मीडिया अनुवीक्षण प्रकोष्ठ काम कर रहा है।

पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि प्रत्येक एफएसटी व एसएसटी में पर्याप्त पुलिस बल शामिल किया गया है। जिले के सीमावर्ती नाकों सहित विभिन्न एसएसटी प्वॉइंट पर संदिग्ध वाहनों की सघनता से जाँच की जा रही है।

इंफोर्समेंट टीमों व व्यय प्रकोष्ठ पर निष्पक्ष चुनाव की सबसे बड़ी जिम्मेदारी

निर्वाचन व्यय प्रेक्षक पी. सुमिथा ने कहा कि निर्वाचन व्यय प्रकोष्ठ व उससे जुड़ी टीमों पर निर्वाचन को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न कराने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। सभी प्रकोष्ठ पूरी जिम्मेदारी और गंभीरता के साथ काम करें और प्रत्याशियों द्वारा चुनावी प्रचार पर किए जाने वाले खर्चे की पाई-पाई जोड़ी जाए। उन्होंने आयकर, नार्कोटिक्स, आबकारी, पुलिस, आरपीएफ, जीएसटी, वाणिज्य एवं क्रॉस फंक्शनल प्रक्रिया से संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों से एक – एक कर चर्चा कर अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी ली।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने जानकारी दी कि ग्वालियर जिले में व्यय निगरानी दल के रूप में 18 उड़नदस्ता (एफएसटी), 22 स्टेटिक सर्विलिएन्स टीम (एसएसटी), 18 वीडियो सर्विलिएन्स टीम (व्हीएसटी) व 6 वीडियो व्यूविंग टीम (वीवीटी) तैनात की गईं हैं। जिले में चुनाव प्रचार के व्यय का हिसाब किताब रखने के लिये 7 लेखा टीम, 7 डिस्ट्रिक्ट एसी कंट्रोल रूम व एक डिस्ट्रिक्ट ग्रिविएन्स कमेटी व एक एमसीएमसी गठित की गई है। साथ ही जिला स्तरीय व्यय निगरानी सेल गठित किया गया है।

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर टीएन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र वर्धमान व उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव जैन सहित सभी सहायक रिटर्निंग अधिकारी, क्रॉस इंफोर्समेंट विभागों के अधिकारियों सहित विभिन्न चुनावी व्यय प्रकोष्ठों से जुड़े अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश

   

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