सभी यज्ञों से होती है, मां भगवती की आराधना : आलोक गिरी

हरिद्वार, 15अप्रैल (हि.स.)। नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी आलोक गिरी ने कहा कि सभी प्रकार के यज्ञों से जिनकी आराधना की जाती है, वे एकमात्र भगवती ही हैं, जो चराचर जगत का संचालन करती हैं। उनकी आज्ञा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है।

श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, जगजीतपुर में चल रहे श्रीमद्देवी भागवत कथा के सातवें दिन कथा वाचक पं सोहन चंद्र ढौण्डियाल ने श्रीमद देवी भागवत महापुराण की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि अठारह पुराणों में देवी भागवत पुराण उसी प्रकार सर्वोत्तम है, जिस प्रकार नदियों में गंगा, देवों में शंकर, काव्यों में रामायण, प्रकाश स्रोतों में सूर्य, शीतलता और आह्लाद में चंद्रमा, कर्मशीलों में पृथ्वी, गंभीरता में सागर और मंत्रों में गायत्री आदि श्रेष्ठ हैं। यह पुराण श्रवण सब प्रकार के कष्टों का निवारण करके आत्मकल्याण करता है। भक्तों को ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है।

उन्होंने कहा कि इसकी महिमा इतनी महान है कि नियमपूर्वक एक -आध श्लोक का उच्चारण करने वाला भक्त भी भगवती की कृपा का पात्र बन जाता है। नवरात्र में इसका श्रवण अधिक फलदायी है। इसलिए जितना भी समय मिले हमें भगवती के नाम का स्मरण करना चाहिए। इसके श्रवण करने तथा पाठ करने में समस्त प्राणियों को पुण्य प्राप्त होता है।

इस मौके पर कथा संयोजक पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी, विशाल शर्मा, हरीश चौधरी, प्रद्युम्न सिंह, प्रांजल शर्मा सहित अन्य भक्तजन मौजूद रहे।

हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज

   

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