- सोंईकलां में माली मोहल्ला में शुरू हुई श्रीमद भागवत कथा।
श्योपुर, 21 अप्रैल(हि.स.)। जिले के सोंईकलां कस्बे के माली मोहल्ला में कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का मंगलाचरण हो गया है। कलश यात्रा रविवार सुबह 10 बजे सीप नदी से प्रारंभ हुई जो बैंड-बाजों के साथ के गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए कथा स्थल पर पहुंचकर संपन्न हुई।
गांव में निकली कलश यात्रा में आयोजक सबसे आगे सिर पर श्रीमद् भागवत को सिरोधारण कर चल रहे थे। गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा कथा स्थल पर पंहुची। कलश यात्रा में महिला-युवतियां सिर पर कलश धारण कर चल रही थी। कथावाचक पंडित शंभू दयाल गौतम सोंईकलां वाले ने गद्दी व्यास की स्थापना के साथ कथा का औपचारिक शुभारंभ किया।
पहले दिन कथा वाचने करते हुए कथा वाचक ने कहा कि, श्रीमद् भगवत कथा ज्ञान का वह भंडार है, जिसके वाचन और सुनने से वातावरण में शुद्धि तो आती ही है। साथ ही मन और मस्तिष्क के पापों को भी काटता है। भागवत कथा प्रत्यक्ष भगवान का स्वरूप है। कथा का श्रवण करने वाले व्यक्ति के समस्त कष्ट दूर हो जाते है। कहा कि मनुष्य को सुख की प्राप्ति के लिए भगवान के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। ज्ञान भक्ति की महिमा से भगवान का साक्षात्कार करना ही सच्चा मोक्ष है। धुंधकारी प्रसंग में बोध होता है कि हमारी संगति जैसी होगी। उसी तरह के गुण दोषों का सृजन हमारे जीवन में होता है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संसार में अंधकार का कोई अस्तित्व नहीं है वैसे ही कष्ट देने की भावना रखने वाले का भी कोई अस्तित्व नहीं होता। 12 बजे से शुरू हुई कथा में पहले में दिन बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा श्रवण करने पंहुचे।
हिन्दुस्थान समाचार/शरद/मुकेश