प्रशासन ने भू-धंसाव से मकानों को हुई क्षति का किया आकलन, दिया हरसंभव मदद का आश्वासन

रामबन, 27 अप्रैल (हि.स.)। रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने आज परनोट गांव का दौरा किया और वहां जमीन धंसने से मकानों को हुए नुकसान का आकलन किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उनकी जरूरतों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उन्हें जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।

उपायुक्त के साथ एडीसी वरुणजीत सिंह चरक, तहसीलदार दीप कुमार, तहसीलदार एस. हरवीर सिंह और विभिन्न संबंधित अधिकारी भी थे। उपायुक्त ने तहसीलदार को एसडीआरएफ के तहत राहत मामलों पर कार्रवाई करने और क्षतिग्रस्त घरों के लिए प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।

जानकारी के अनुसार प्रभावित क्षेत्र के 50 मकानों में से 30 को नुकसान पहुंचा है और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। विस्थापित लोगों को तत्काल राहत के तौर पर टेंट, कंबल, बर्तन और अन्य जरूरी सामान दिये गये हैं।

उपायुक्त ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि जमीन धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की एक टीम जल्द ही वहां का दौरा करेगी। आवश्यक सेवाओं और सड़क संपर्क की बहाली के अलावा प्रभावित परिवारों को आवास और राशन की तत्काल अस्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।

परनोट में रामबन-गूल सड़क पर नाकेबंदी पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए जिला प्रशासन ने हल्के वाहनों के लिए सुंबर-दिगदोल लिंक सड़क खोल दी है। यह पहल एनएच-44 के साथ निरंतर सड़क कनेक्टिविटी और सब डिवीजन, गूल को आवश्यक/आपातकालीन आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।

उल्लेखनीय है कि जम्मू संभाग के जिला रामबन में शुक्रवार को भारी भूस्खलन हुआ। रामबन-गूल रोड पर रामबन से पांच किलोमीटर दूर ककराला मोड़, परनोट क्षेत्र में भूस्खलन और जमीन धंसने के बाद कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। प्रशासन ने करीब 50 परिवारों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।

हिन्दुस्थान समाचार/बलवान/दधिबल

   

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