रामनवमी शोभायात्रा के परमिशन पर फंसा पेंच, हाईकोर्ट जाने को तैयार श्रीराम जन्मोत्सव समिति

हुगली, 07 अप्रैल (हि.स.)। रामनवमी के शोभायात्रा के दौरान गत वर्ष रिषड़ा और श्रीरामपुर के कुछ इलाकों में हुए हिंसा के बाद इस वर्ष रिषड़ा-श्रीरामपुर में आगामी 17 अप्रैल को प्रस्तावित रामनवमी शोभायात्रा की अनुमति को लेकर पेंच फंस गया है। इस वर्ष प्रशासन रामनवमी की शोभायात्रा के लिए अनुमति देने को तैयार तो हुआ है लेकिन आयोजकों के सामने प्रशासन ने शोभायात्रा का रूट बदलने की शर्त रखी है।

रिषड़ा-श्रीरामपुर में आयोजित होने वाले रामनवमी शोभायात्रा पारंपरिक तौर पर श्रीकृष्णा नगर शिव मंदिर से शुरू होकर चार नंबर रेलवे फाटक होकर एनएस रोड होते हुए संध्या बाजार से जीटी होकर खाटीर बाजार होते हुए महेश जगन्नाथ मंदिर तक निकलती थी। लेकिन इस वर्ष प्रशासन ने रामनवमी शोभायात्रा का नया रूट तय किया है। आयोजक इस नए रूट पर शोभायात्रा निकालने को तैयार नहीं है।

रिषड़ा-श्रीरामपुर में रामनवमी शोभायात्रा को लेकर इस बार प्रशासन और आयोजक आमने-सामने हैं। विशेष सूत्रों के अनुसार यदि रविवार शाम तक प्रशासन ने पारंपरिक रूट पर रामनवमी की शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी तो आयोजन सोमवार को कोलकाता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा आएंगे। नाम न छापने की शर्त पर एक आयोजक ने कहा कि प्रशासन ने पता नहीं किसके दबाव में आकर रामनवमी शोभायात्रा के रूट को बदलने का निर्णय लिया है साथ में कई अन्य प्रकार की पाबंदियां भी लगाई हैं। हम लोग प्रशासन के सामने घुटने नहीं देखेंगे हमें अदालत पर भरोसा है। हम हाईकोर्ट जाएंगे।

बहरहाल, श्रीराम के नाम से जाने जाने वाले शहर श्रीरामपुर के प्रशासन द्वारा रामनवमी शोभायात्रा के रूट परिवर्तन से स्थानीय लोगों में भी खासी नाराजगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ उपद्रवियों के कारण प्रशासन ने रामनवमी के जुलूस के रूट को ही बदलने का फैसला कर लिया है प्रशासन को उपद्रवियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन प्रशासन ने उनके सामने ही घुटने टेक दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसने सांप्रदायिक रूप ले लिया था। रिषड़ा और श्रीरामपुर के विभिन्न इलाकों में सांप्रदायिक तनाव हो गया था। पुलिस ने इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज किया था। इस मामले में बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई थी। हालांकि बाद में उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। मामले की जांच फिलहाल एनआईए कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार /धनंजय /गंगा

   

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