बंगाल के सरकारी अस्पताल में पहला हृदय और फेफड़े का ट्रांसप्लांट सफल

कोलकाता, 15 मई (हि.स.)। महानगर कोलकाता के राजकीय एसएसकेएम अस्पताल ने एक और कीर्तिमान रचा है। यहां एक युवा मरीज में एक ही दानकर्ता से प्राप्त दो अंगों- हृदय और फेफड़े का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। इन अंगों के दानकर्ता मरीज को कोलकाता में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया था। चिकित्सकों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि दिमागी रूप से मृत मरीज के हृदय, फेफड़े, दो किडनी और एक लीवर को चार अलग-अलग मरीजों में प्रत्यारोपित किया गया। सूत्रों ने बताया कि पेशे से किसान अरुण कुमार कोले (52) का अस्पताल में इलाज चल रहा था और उसे रविवार रात दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया।

एक डॉक्टर ने बुधवार को कहा कि युवा मरीज को दोनों अंगों का जटिल प्रत्यारोपण सोमवार देर शाम शुरू हुआ। एसएसकेएम अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने अंग प्रत्यारोपण आपरेशन किया जो मंगलवार सुबह खत्म हुआ। इसके बाद उसे निगरानी में रखा गया है। बुधवार को भी मरीज की यह प्रत्यारोपण एसएसकेएम अस्पताल के स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में हुआ।

कोले 10 मई को एक स्कूटर की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। कोले के दामाद सत्यजीत मंडल ने बताया कि मेरे ससुर की 11 मई को मस्तिष्क की सर्जरी हुई, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्हें रविवार को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया। उसके बाद हम उनके अंगों को दान करने पर राजी हो गए, ताकि वह किसी अन्य व्यक्ति के रूप में जीवित रहें।

चिकित्सकों ने कहा कि एसएसकेएम अस्पताल में इलाज करा रही एक 28 वर्षीय महिला और अलीपुर के कमांड अस्पताल में भर्ती 32 वर्षीय एक अन्य महिला को कोले की एक-एक किडनी प्रत्यारोपित की गई। एक महिला जिसकी उम्र 51 साल थी, उसे उनका लीवर प्रत्यारोपित किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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