कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में मनाया गया विश्व मधुमक्खी दिवस

जयपुर, 20 मई (हि.स.)। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया । इस कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय कुलपति डॉ बलराज सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भी मीठी क्रांति के माध्यम से मधुमक्खी पालन के क्षेत्र को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं । देश में 2.5 लाख मधुमक्खी पालक हैं तथा 35 लाख बी बॉक्स हैं तथा इस साल देश में रिकॉर्ड शहद उत्पादन 1 लाख 35 हजार मेट्रिक टन रहा। राजस्थान तिलहन उत्पादन का कटोरा होने के कारण मधुमक्खी पालन में महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं । मधुमक्खी से 20-25 प्रतिशत उपज में बढ़ोतरी होती हैं तथा तिलहन में 1- 1.5 प्रतिशत तेल की मात्रा बढ़ती हैं । प्याज़ व कद्दूवर्गीय फसलों में परागण में मधुमक्खी का महत्त्वपूर्ण योगदान हैं साथ ही बीज उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान हैं । परागण में 70-75 प्रतिशत योगदान मधुमक्खी का होता हैं । देश में एपिस मेलीफेरा व एपीस इंडिका प्रजातियों का पालन किया जाता हैं । मधुमक्खी पालन की सहायता से बालोतरा क्षेत्र अनार उत्पादन का कटोरा बन गया हैं । इसके वंश एपिस में 7 जातियां एवं 44 उपजातियां हैं। मधुमक्खी वेगल नृत्य के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों की पहचान करती हैं। कार्यक्रम में निबंध व पोस्टर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में रेडी , स्नातकोत्तर व पीएचडी के 353 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश मीणा/

   

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