ऑनलाइन ठगी के शिकार तीन पीड़ितों का 6.13 लाख रुपये पुलिस ने कराये वापस

फतेहपुर, 08 मई (हि.स.)। जिले में बुधवार को ऑनलाईन ठगी के शिकार तीन पीड़ितों के 6.13 लाख रुपये पुलिस ने खाते में वापस करवाए।

इस मामले में क्षेत्राधिकारी होरीलाल सिंह ने बताया कि विगत 13 फरवरी को पीड़ित अनुराग उत्तम पुत्र अनिल कुमार उत्तम निवासी ईसेपुर आलमपुर फतेहपुर हाल पता ओमकार नगर वीआईपी रोड थाना कोतवाली नगर फतेहपुर द्वारा पुलिस पुलिस अधीक्षक से नौ लाख चौतीस हजार रुपये आनलाइन माध्यम से ट्रांसफर करा लेने की शिकायत की गई। पुलिस अधीक्षक मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले के त्वरित निस्तारण के साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम को निर्देश दिए। जिस पर कार्यवाही करते हुए आवेदक से ट्रांसफर हुये रुपयों का विवरण प्राप्त करते हुये तत्काल सभी बैंकों के अधिकारियों से वार्ता कर उन्हें प्रकरण से अवगत कराया गया। जिसके उपरान्त पूर्व में पीड़ित के तीन लाख सत्तर हजार रुपये वापस कराये गये थे एवं अन्य रुपयों के बरामदगी के लिए सार्थक प्रयास लगातार जारी रहे। तीन मई को शेष बचे कुल 5 लाख 64 हजार रुपये भी सकुशल पीड़ित के बैंक खाते में वापस करा दिया गया। इस प्रकार पीड़ित की सम्पूर्ण धनराशि 9 लाख 34 हजार रुपये आवेदक के खाते में वापस करा दी गई है।

इसी तरह बीती पांच अप्रैल को विकास सोनी पुत्र अवधेश सोनी निवासी शान्तिनगर थाना कोतवाली ने साइबर पोर्टल के माध्यम से प्रार्थना पत्र भेजा गया था कि अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उन्हें कॉल करके उनके खाते से 25058 रुपये ट्रांसफर कर लिये गये। साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए बैंक के नोडल अधिकारी व फ्लिपकार्ट नोडल से समन्वय स्थापित करते हुये नियमानुसार कुल 25058 रुपये सकुशल पीड़ित के बैंक खाते में वापस कराया गया।

एक अन्य मामले की शिकायत विगत 17 मार्च को पीड़ित हरिओम सिंह पुत्र मनराखन सिंह निवासी रेलवे कालोनी खागा फतेहपुर द्वारा पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया। बताया गया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हें कॉल करके उनके क्रेडिट कार्ड से 75 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिये गये। साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए बैंक के नोडल अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुये नियमानुसार विधिक कार्यवाही करते हुये 24000 रुपये सकुशल पीड़ित के क्रेडिट कार्ड खाते में वापस कराया गया है। शेष रुपयों की बरामदगी के सम्बन्ध में कार्यवाही जारी है।

खाते में अपनी अपनी गाढ़ी कमाई की धनराशि वापस पाने के उपरान्त सभी ठगी के पीड़ित द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना में आकर पुलिस अधीक्षक एवं साइबर क्राइम पुलिस थाना के अधिकारी व कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।

साइबर, क्राइम पुलिस व थाना टीम में प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद कमर खान, उपनिरीक्षक आदित्य नारायण, उपनिरीक्षक रणधीर सिंह, कांस्टेबल प्रवीन सिंह, कांस्टेबल शुभेन्दु रंजन व कांस्टेबल सिद्धांत सिंह आदि का सराहनीय योगदान रहा।

क्षेत्राधिकारी जाफरगंज ने जनमानस से अपील करते हुए कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल एवं यूजर आईडी पासवर्ड शेयर न करें, चाहें वह बैंक कर्मी हो या ट्रेजरी आफिसर या अन्य कोई व्यक्ति हो। यदि बातों-बातों में आपसे कोई रिमोट एक्सेस एप जैसे- क्वीक सपोर्ट, एनीडेस्क आदि डाउनलोड करने को कहे तो कदापि डाउनलोड न करें। विभिन्न माध्यमों जैसे एसएमएस, ई-मेल, व्हाट्सएप मैसेज आदि पर प्रसारित व प्राप्त हो रहे लिंक को न खोलें। किसी भी कम्पनी का कस्टमर केयर नम्बर गूगल पर सर्च करके प्रयोग में न लायें। नम्बर प्राप्त करने के लिए उस कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये गये डाक्यूमेंट को देखें या केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध नम्बर का प्रयोग करें। एटीएम से पैसे निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरा व्यक्ति आपका एटीएम कार्ड बदलने न पायें एवं पैसा निकालने से पूर्व उस मशीन में स्किमर एवं कैमरा न लगा हो चेक कर लें। अपने मोबाइल को किसी अनजान व्यक्ति को कदापि न दें। विभिन्न सरकारी आवास योजनाओं का लाभार्थी बताकर यदि कोई पैसे मांगे तो कदापि पैसे न दें। यदि आपके मोबाइल नंबर पर मैसेज या काल आता है कि आपके दोस्त व रिश्तेदार ने रुपये भेजे हैं, उसे रिसीव कर लें या आप उस लिंक को क्लिक करें तो आपके खाते में राशि आ जाएगी। ध्यान रखें कि यह काल आनलाइन फ्रॉड की भी हो सकती है और इस पर क्लिक करने से आपके खाते से रुपये कट सकते हैं, अतः जांच परख के बाद ही लेन देन करें। किसी भी प्रकार की साइबर क्राइम सम्बन्धी शिकायत को दर्ज करने हेतु नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in या टोल फ्री नं0 1930 डायल करें या अपने बैंक को घटना के सम्बन्ध में अवगत कराते हुये नजदीकी थाने की साइबर सेल में सम्पर्क करें।

हिन्दुस्थान समाचार/देवेन्द्र/मोहित

   

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