श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के स्वयंसेवकों ने शस्त्र विद्या का किया प्रदर्शन

हरिद्वार, 14 जून (हि.स.)। प्रेमनगर आश्रम में आयोजित संगीतमय श्रीमद् वाल्मीकि रामायण कथा के आखिरी दिन श्री अखंड परशुराम अखाड़ा द्वारा शस्त्र विद्या का प्रदर्शन किया गया। तलवार, फरसा, लाठी आदि शस्त्रों से अखाड़ा के स्वयंसेवकों ने करतब दिखाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष अधीर कौशिक ने कहा कि अखाड़ों की यह विद्या लुप्त होती जा रही है। अनादि काल से सनातन धर्म की रक्षा को समर्पित अखाड़ा विद्या में अब युवकों की रुचि बहुत कम हो गई है। सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। विद्यालयों में योग के साथ-साथ उक्त विद्या को भी सिखाना चाहिए। प्राचीन काल में राजा महाराजा अखाड़ों को बढ़ावा देते थे, लेकिन अब सरकारें इनसे दूरी बना रही हैं।

उन्होंने कहा कि अखाड़े हमारे सनातन धर्म की रीढ़ हैं। युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में अखाड़े उनके शारीरिक, मानसिक विकास में मदद करते हैं। अखाड़े शोभायात्राओं में प्रतिभाग कर अपनी प्रतिभा दर्शाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/सत्यवान/वीरेन्द्र

   

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