हमेशा प्रसन्न मुद्रा में रहने वाला गुरु होते हैं सफल

प्रशिक्षण लेते प्रशिक्षणार्थी

भागलपुर, 16 जून (हि.स.)। भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में सैनिक स्कूल गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर नरगाकोठी में चल रहे नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के 15वें दिन रविवार का प्रारंभ विद्या भारती के पूर्व उपाध्यक्ष दिलीप बेतकेकर, विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री कमल किशोर सिन्हा, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, रोहतास के विभाग निरीक्षक उमाशंकर पोद्दार, वर्ग के प्रधानाचार्य सतीश कुमार सिंह, बीएड कॉलेज के प्रभारी प्राध्यापक राजकुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

सत्र प्रारंभ के पूर्व प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर तीन आम के पौधे विद्यालय परिसर में दिलीप बेतकेकर, कमल किशोर सिन्हा एवं प्रदीप कुमार कुशवाहा के द्वारा लगाया गया। ऐसा कर उन्होंने प्रशिक्षणार्थी को यह संदेश देने का प्रयास किया है सभी मानव अपने जिन जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगावें अपने घर में दीपक जलाएं मिठाई खाएं किंतु पाश्चात्य सभ्यता का जन्मदिन न मनाएं अर्थात केक काटकर मोमबत्ती जलाकर जन्मदिन नहीं मनाए।

दिलीप बेतकेकर ने कहा कि एक योग्य शिक्षक स्वयं की खोज द्वारा पाठ्यक्रम को रोचक एवं बोधगम्य बनाते हैं। शिक्षक नवाचार द्वारा ऐसी प्रभावपूर्ण अधिगम स्थिति का निर्माण व प्रयोग करते हैं। जिसमें करके सीखने एवं अभ्यास द्वारा सीखने और प्रत्यक्ष अनुभवों को ग्रहण करने का अवसर प्रदान करते हैं। कक्षा में पहले बच्चों तक पहुंचना है फिर शिक्षा देना है। वही गुरु सफल होता है जो हमेशा प्रसन्न मुद्रा में रहता है।

गुरु का स्थान गूगल कभी नहीं ले सकता है। गूगल इनफॉरमेशन देता है किंतु गुरु इंस्पिरेशन देता है। गूगल शिक्षक का असिस्टेंट सहायक है। गूगल मैटर देता है किंतु गुरु जी मोटिवेशन देते हैं। गुरु जी का स्थान गूगल या टेक्नोलॉजी नहीं ले सकता है। गुरुजी शाबासी, स्नेह और प्रेम पूर्वक छात्रों को शिक्षा देता है जो गूगल या टेक्नोलॉजी नहीं कर सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

/चंदा

   

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