श्री नारायण मेडिकल एंड हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कठिन परिश्रम से बचाई सरिता की जान

सहरसा-मरीज

सहरसा,17 जून (हि.स.)। सरिता देवी, उम्र 36 वर्ष भागवतपुर सहरसा की पेसेंट पिछले 3 वर्षों से लगातार ब्लडिंग और पेट का आकार बढ़ने से परेशान हो चुकी थी लेकिन गरीबी की मार तथा जानकारी के अभाव के कारण समय पर ईलाज संभव नहीं हो सका। नतीजा यह हुआ कि सरिता का पूरा शरीर सूज गया और वजन भी असमान रूप से बढ़ता गया।किसी ने श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल का पता बताया और रोगी हॉस्पिटल आ गया। यहां आयुष्मान योजना के तहत ऑपरेशन कर जब बच्चादानी निकाला गया तो लगभग एक किलो का बच्चादानी देख वहां ऑपरेशन में शामिल गायनी के डॉक्टर, डॉ. अनमोल, एनेसथेसिया डॉ. भानू प्रकाश और ओटी इंचार्ज संजय मुख़र्जी की पूरी टीम आश्चर्य चकित रह गए। डॉ. अनमोल का कहना है कि नॉर्मली एक बच्चादानी का वजन 100 ग्राम से कम होता है लेकिन रोगी का बच्चादानी 1 किलो का है। जो रेयर एंड रेयर हीं होता है।

श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट एंड हॉस्पिटल को लोग यूं हीं नहीं मिनी एम्स कहते हैं ।इसके पीछे कई कारण है, जिसमें पहला सस्ते में ईलाज और गंभीर बीमारियों से समय रहते छुटकारा, दूसरा रोगियों की 24 घंटे दक्ष डॉक्टरों एवं कम्पोन्डरों द्वारा देखभाल, तीसरा जो सबसे बड़ा कारण है वह है हॉस्पिटल के प्रति लोगों का बढ़ते भरोसा और विश्वास।

श्री नारायण हॉस्पिटल में उन सभी बीमारियों का ईलाज आसान हो गया है। जिसका ईलाज पैसों के अभाव में ला - ईलाज लगता था।वही हर्ट जैसे रोगों का ईलाज हो या ब्रेन और नस तथा किडनी का ईलाज हो या कैंसर जैसे घातक बीमारी का ईलाज, हड्डी के जटिल रोगों का ईलाज कोसी के रोगियों के लिए आसानी से श्री नारायण मेडिकल इंस्टिट्यूट में शुलभ हो रहा है। आज कोशिवासियों का भरोसे का केंद्र बन गया है हॉस्पिटल। हॉस्पिटल के संस्थापक आर के सिंह व श्री नारायण फाउंडेशन की मैंनेजिंग ट्रस्टी कामेश्वरी कुमारी व सेंटर हेड कौशल किशोर ठाकुर का एक हीं संकल्प है कोसी के लोग रोग मुक्त हो ताकि सबका भविष्य सुन्दर और सरल हो जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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