पूर्णिया यूनिवर्सिटी में पहला दीक्षांत समारोह, राज्यपाल ने पीएचडी धारकों एवं स्नातकों को दी डिग्री

इतिहास और वाणिज्य पीएचडी के गोल्ड मेडलिस्टअररिया कालेज से आए छात्र साकिब,चांद और जेबा प्रवीण

पूर्णिया, 20 जून (हि. स.)। पूर्णिया यूनिवर्सिटी में आज पहला ऐतिहासिक दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। इस समारोह में 200 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को डिग्री तथा मेडल देकर सम्मानित किया गया।

यह सम्मान बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने छात्र छात्राओं को दिया । लगभग 87 छात्र-छात्राओं को राज्यपाल ने डिग्री दी । शेष छात्राओं को पूर्णिया के कुलपति राजनाथ यादव डिग्री देकर सम्मानित करेंगे।

मौके पर राज्यपाल आर्लेंकर ने कहा कि यह पहला समारोह है, जिसमें हम और आप इसके साक्षी हैं। उन्होंने कहा कि आज जो आपको यह डिग्री और मेडल मिला है वह आपके परिवार आपके माता-पिता और गुरु की देन है। आप सभी मेरे विद्यार्थी हैं, परंतु आपका सम्मान करना मेरा दायित्व है। मेरा यहां आना मेरी कोई कृपा नहीं, बल्कि मेरा कर्म है। मैं भी इस पल का साक्षी बना गर्व महसूस करता हूं।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विनम्रता हमारी पूंजी होनी चाहिए। जीवन में अनुशासन आवश्यक है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों से समाज हमेशा अच्छाई की अपेक्षा करता है। अनुशासन के साथ-साथ विद्या का उपयोग समाज के लिए हो और हमारा उपयोग देशभक्ति के लिए भी हो और देश की उन्नति भी हमारे मंजिल में शामिल हो।

समारोह में पीएचडी करने वाले शोधकर्ताओं को डिग्री के साथ-साथ गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। इतिहास विषय पर पीएचडी करने वाले प्रभात कुमार सिंह को राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर द्वारा डिग्री तथा गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया।

वाणिज्य से सनातन सिन्हा,शिम्पी जायसवाल,संजीव चौधरी तथा दर्शन शास्त्र से रवि कुमार राम एवं राजनीति विज्ञान से निखिल कुमार को डिग्री तथा गोल्ड मेडल देकर राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया। आदित्य प्रकाश को एमबीए टॉपर के तौर पर डिग्री तथा गोल्ड मेडल दी गई।

इस दीक्षांत समारोह में ड्रेस कोड मिथिलांचल के वस्त्र थे। उजले कुर्ते पजामे और कंधे पर पितांबरी गमछा एवं माथे पर पीतांबरी रंग का पाग सभी को सुशोभित कर रहा था। छात्राओं ने पीली साड़ी पर पीले रंग के गम से एवं पीतांबरी पाग पहनकर डिग्री धारण की। पूरा पंडाल पीले पीतांबरी वस्त्रों से भरा था। सभी छात्र-छात्राओं में एक अलग प्रकार की खुशियां दिख रही थी।

हिन्दुस्थान समाचार/नंदकिशोर

/चंदा

   

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