काशी फिजिकान में जुटेंगे देश भर के फिजियोथेरेपिस्ट,पांच सत्र में होगा राष्ट्रीय फिजियोथिरेपी सम्मेलन

वाराणसी, 21 जून (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय फिजियोथिरेपी सम्मेलन ‘काशी फिजिकान 2024’ का आयोजन 22 जून शनिवार से स्वतंत्रता भवन सभागार में किया गया है। सम्मेलन में देश भर के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के फिजियोथेरेपिस्ट, विशेषज्ञ, शोध छात्र एवं छात्र भाग लेंगे।

मुख्य आयोजक डा. एसएस पांडेय ने बताया कि सम्मेलन सुबह 9:30 बजे से आरंभ होगा। इसका उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी करेंगे।

उद्घाटन समारोह में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय,मंदिर के न्यासी प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, आइएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन शंखवार व मेडिसिन संकाय के डीन प्रो. अशोक कुमार भी मौजूद रहेंगे।

डा. पांडेय ने बताया कि इन दो दिनों में कुल पांच सत्र होंगे । प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र के अतिरिक्त दो सत्र और तीन स्पीकर टाक होंगे। प्रथम स्पीकर टाक में स्पोर्ट्स मेडिसिन में अत्याधुनिक प्रचलित पद्धतियाें, लो बैक पैन में मैनुअल थिरेपी, आर्थराइटिस में मैनुअल थेरेपी की रणनीतियां और सावधानियां, पर्किंसन रोग में फिजियोथिरेपी की भूमिका, एनकेटी उपचार में अत्याधुनिक थिरेपी पद्धतियों, विकासशील न्यूरो डिसआर्डर में फिजियोथिरेपी उपचार आदि विषयों पर विशेषज्ञ अपने शोध एवं इसके परिणामों पर चर्चा करेंगे। दूसरे वैज्ञानिक सत्र में ‘फिजियोथेरेपी: एक प्रतिष्ठित और आकर्षक चिकित्सा पेशा’, ‘खेल और व्यायाम चिकित्सा: चोट और बीमारी को कम करने के साथ डोप-मुक्त प्रदर्शन अनुकूलन’, ‘क्रोनिक लॉ पीठ दर्द प्रबंधन के लिए व्यायाम चिकित्सा का लाभ उठाने वाली गति की शक्ति ‘’स्टे गोल्ड कंधे के दर्द की साइरिएक्स विधि का निदान और उपचार प्रक्रिया’ ‘डिस्कवरी भारत की पहली मैनुअल थेरेपी अवधारणा - केकेएमटी’ ‘बाल चिकित्सा रुमेटोलॉजी में फिजियोथेरेपी की भूमिका’ विषयों पर विमर्श होगा।

तीसरे स्पीकर टाक व दूसरे वैज्ञानिक सत्र में ‘संयुक्त प्रतिस्थापन में उन्नत पुनर्प्राप्ति प्रोटोकॉल’ ‘एसीएल चोट प्रबंधन में मिथक और भ्रांतियाँ’ ‘ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार में दृश्य अवधारणात्मक कौशल प्रशिक्षण’ ‘मस्तिष्क स्वास्थ्य पर एक्सर्किन्स की भूमिका’ ‘फिजियोथेरेपी और यह कानून के संदर्भ में हालिया प्रगति है’ पर चर्चा होगी। ‘जी.टी. की भूमिका पीठ के निचले हिस्से में दर्द और मैग्नीशियम एक भूला हुआ तत्व पर विधि’ ‘फिजियोथेरेपी के माध्यम से अम्बिलिकल हर्निया का इलाज’ विषयों पर शोध प्रस्तुत किए जाएंगे। दूसरे दिन सुबह आठ बजे से सत्र आरंभ होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन

   

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