बीएचयू की संस्थागत जैव सुरक्षा समिति फिर से गठित,आंतरिक विशेषज्ञ शामिल किये गए

वाराणसी, 25 जून (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपनी संस्थागत जैव सुरक्षा समिति का पुनर्गठन किया है। जैव सुरक्षा समिति जोखिम वाले जीवों अथवा जेनेटिकली इंजीनियर्ड जीवों पर काम करने वाले संस्थानों में आपात योजना तैयार करने में संस्थान को सहयोग देती है।

चिकित्सा विज्ञान संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो. गोपालनाथ की अध्यक्षता वाली बीएचयू की जैव सुरक्षा समिति मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करेगी कि अनुसंधान के दौरान ट्रांसजेनिक जीवों (ऐसे जीव जिनमें किसी बाहरी जीन को डाला गया है) का व्यक्तिगत एवं पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित उपयोग किया जाए। ये किसी भी प्रकार से दूसरे जीव-जंतुओं के लिए हानिकारक नहीं हो।

लखनऊ सीडीआरआई में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भूपेन्द्र नारायण सिंह समिति में जैवप्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के प्रतिनिधि होंगे। डॉ. रिचा आर्या जन्तु विज्ञान विभाग विज्ञान संस्थान के बीएचयू समिति की सदस्य सचिव बनाई गई हैं। डॉ. विनोद तिवारी फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग आईआईटी-बीएचयू समिति में बाहरी विशेषज्ञ के रूप में शामिल किये गए हैं। जबकि प्रो. प्रदयोत प्रकाश माइक्रोबायोलॉजी विभाग, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, जैवसुरक्षा अधिकारी नामित किये गए हैं।

प्रो. पवन कुमार सिंह, आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, प्रो. राजेश कुमार मल्ल, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, डॉ. समर सिंह, सेन्टर फॉर एक्सपेरिमेन्टल मेडिसीन एंड सर्जरी, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, तथा डॉ. अखिलेश कुमार, वनस्पति विज्ञान विभाग, विज्ञान संस्थान, समिति में बतौर आंतरिक विशेषज्ञ शामिल किये गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

   

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