धर्मार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टियों और राजपरिवार के सदस्यों ने प्राचीन शिव मंदिर में लगी भीषण आग की घटना पर गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त की

गुलमर्ग, 06 जून (हि.स.)। गुलमर्ग में महारानी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर में लगी भीषण आग की खबर सुनकर पूर्व एमएलसी और जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी विक्रमादित्य सिंह तुरंत श्रीनगर पहुंचे और गुरूवार को स्थिति का जायजा लेने के लिए सीधे गुलमर्ग पहुंचे। इस दौरान चेयरमैन ट्रस्टी डॉ. करण सिंह जी ने जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टियों और राजपरिवार के सदस्यों के साथ इस अप्रिय घटना पर गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त की।

आग की घटना ने ऐतिहासिक संरचना को बुरी तरह से राख कर दिया है। गुजरात में धर्मकोट राज्य की दिवंगत राजकुमारी और विक्रमादित्य सिंह की दादी द्वारा 1915 में निर्मित यह मंदिर जम्मू और कश्मीर के शाही परिवार के लिए गहरा भावनात्मक महत्व रखता है।

चेयरमैन ट्रस्टी डॉ. करण सिंह जी ने जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टियों और राजपरिवार के सदस्यों के साथ इस अप्रिय घटना पर गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आग की घटना न केवल क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षति है, बल्कि परिवार के लिए भी एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। इस दौरे के दौरान ट्रस्ट के अतिरिक्त सचिव, परामर्शदात्री इंजीनियर और अन्य अधिकारी भी ट्रस्टी के साथ थे।

विक्रमादित्य सिंह ने क्षतिग्रस्त मंदिर स्थल का विस्तृत निरीक्षण किया और आग के कारणों की जानकारी लेने के लिए डीआईजी उत्तरी बारामुल्ला विवेक गुप्ता के साथ-साथ तहसीलदार और एसडीपीओ सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा की। हालांकि अग्निशमन और पुलिस विभागों से आधिकारिक रिकॉर्ड अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं लेकिन प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आग बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। ट्रस्टी ने मंदिर के जले हुए अवशेषों के स्थल पर अपना गहरा दुख और पीड़ा दोहराई।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्मारक का नुकसान नहीं है, बल्कि एक व्यक्तिगत और पारिवारिक नुकसान है जो हमें गहराई से प्रभावित करता है। उन्होंने आगे कहा कि मेरी दिवंगत दादी द्वारा निर्मित यह मंदिर हमारी विरासत और आस्था का प्रमाण है। विक्रमादित्य सिंह ने आश्वासन दिया कि ट्रस्ट मंदिर के पुनर्निर्माण की पूरी जिम्मेदारी लेगा और इसे इसके मूल गौरव को बहाल करने की योजना बनाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन बहुत सहयोगी है और पुनर्निर्माण कार्य बहुत जल्द शुरू होगा। उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द मलबे को हटाने और आगामी सर्दियों से पहले अधिकतम पुनर्निर्माण कार्य पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया।

उन्होंने उल्लेख किया कि अध्यक्ष ट्रस्टी ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण को प्राथमिकता देने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आग की घटना में क्षतिग्रस्त देवताओं की मूर्तियों को पारंपरिक अनुष्ठान करने के बाद सिंधु नदी में विसर्जित किया जाएगा। उन्होंने जनता से इस दुर्भाग्यपूर्ण आग की घटना से संबंधित सोशल मीडिया पर प्रसारित अफवाहों और अपुष्ट रिपोर्टों पर ध्यान न देने का आग्रह किया।

हिन्दुस्थान समाचार/सुमन/बलवान

   

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