असम की पांच विस और दो रास की सीटें हुईं खाली

गुवाहाटी, 06 जून (हि.स.)। 18वीं लोकसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही असम की पांच विधानसभा और दो राज्यसभा की सीटें खाली हो गयीं हैं। राजनीतिक दलों ने इन सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। इन खाली हुई सीटों के लिए जल्द ही चुनाव कराए जाएंगे। संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में असम से चुने गए 14 सांसदों में से पांच असम विधानसभा के सदस्य हैं। इनमें से एक असम कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी काम कर रहे हैं।

सांसद चुने गए पांच विधायकों में धोलाई के विधायक और परिवहन मंत्री परिमल शुक्लबैद्य, बिहाली के विधायक रंजीत दत्ता, सामागुरी के विधायक रकीबुल हुसैन, कोकराझाड़ विधायक जयंत बसुमतारी और बंगाईगांव के विधायक फणि भूषण चौधरी शामिल हैं।

परिमल शुक्लबैद्य सिलचर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से, रंजीत दत्ता शोणितपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से, रकीबुल हुसैन धुबड़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से, जयंत बसुमतारी कोकराझाड़ लोकसभा क्षेत्र से और फणिभूषण चौधरी बरपेटा लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।

राज्यसभा सांसद सर्बानंद सोनोवाल और कामाख्या प्रसाद तासा के भी इस लोकसभा चुनाव में लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद असम में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो गई हैं। सोनोवाल डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट से और कामाख्या प्रसाद तासा नवगठित काजीरंगा लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं।

ऐसे में असम विधानसभा की पांच सीटों पर उपचुनाव और राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव होना अवश्यंभावी हो गया है। अब स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न उठता है कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में कौन किसको, किसको प्रोजेक्ट करेगा? इसकी चर्चा शुरू हो गई है।

विशेष रूप से, बंगाईगांव और सामागुरी के दो विधानसभा क्षेत्रों पर सभी दलों का ध्यान विशेष रूप से केंद्रित है। फणिभूषण चौधरी ने बंगाईगांव विधानसभा क्षेत्र से असम विधानसभा के लिए लगातार आठ बार निर्वाचित होकर इतिहास रच दिया है। इसी तरह सामागुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस के रकीबुल हुसैन का गढ़ रहा है, वे यहां से पांच बार विधायक चुने गये। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये दोनों निर्वाचन क्षेत्र अब किसके हाथों में जाते हैं।

वहीं, यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहाली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार कौन-कौन होंगे। यह निर्वाचन क्षेत्र के पुनर्गठन के बाद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। तेजपुर के निवर्तमान सांसद पल्लब लोचन दास ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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