विशाल खत्री सभा ने ज्येष्ठ अमावस्या पर भंडारे का आयोजन किया

जम्मू, 6 जून (हि.स.)। विशाल खत्री सभा ने वीरवार को ज्येष्ठ अमावस्या के अवसर पर उतरवेणी में अध्यक्ष देवेन्द्र सेठ द्वारा 21वें भंडारे का आयोजन किया। धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। अमावस्या हिंदू कैलेंडर में महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि कई अनुष्ठान केवल अमावस्या तिथि पर ही किए जाते हैं। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहा जाता है। सभी अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध अनुष्ठान करने के लिए उपयुक्त हैं। अमावस्या का दिन कालसर्प दोष पूजा करने के लिए भी उपयुक्त है।

उन्होंने कहा कि सभा अपने संकल्प को मजबूत करने और नियमित रूप से समुदाय की सेवा जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। सेठ ने लोगों से अपनी जड़ों से जुड़े रहने और इस तरह के अनुष्ठानों को बड़े पैमाने पर जारी रखने का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य हमारी संस्कृति और विरासत को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि हम जम्मू और कश्मीर यूटी में जड़ों से बहुत जुड़े हुए हैं और इस तरह के अनुष्ठान हमेशा से हमारे जीवन का तरीका रहे हैं।

उन्होंने आगे पर्यटन को लेकर कहा कि ऐतिहासिक रूप से समृद्ध जम्मू में कई मंदिर, महल, जल निकाय और इमारतें हैं, जिन्हें अगर विकसित किया जाए तो यह पूरे देश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने जम्मू और कश्मीर के लोगों से केंद्र शासित प्रदेश के कल्याण के लिए एकता, सद्भाव और शांति के बंधन को मजबूत करने पर जोर दिया। सेठ ने कहा कि समाज को एकजुटता और एकजुटता की भावना से आगे बढ़ना होगा और उन सभी को अलग-थलग करना होगा जो अज्ञानता या निहित स्वार्थ के कारण विभाजन पैदा कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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