सुहागिनों ने वट सावित्री पूजा कर पति की लंबी उम्र का मांगा वर

किशनगंज,06जून(हि.स.)। शहर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गुरुवार को वट सावित्री की पूजा काफी श्रद्धा के साथ की गई। हालांकि बारिस के कारण कुछ सुहागिन महिलाओं ने अपने-अपने घरों में ही वट वृक्ष की टहनी को लाकर पूजा-अर्चना कर अपने पति के दीर्घायु होने की कामना की। कुछ सुहागन महिलाओं ने अपने गांव-मोहल्ले के निकटतम वट वृक्ष के पास जाकर वट वृक्ष की पूजा की। सुबह से ही पूजा का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा।

सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रख वट वृक्ष पर अक्षत और कुमकुम चढ़ाया। बाद में सूत के धागे को वट वृक्ष पर बांधा। वट वृक्ष के चारों ओर 7 बार परिक्रमा कर मन्नतें मांगी और अपने पति एवं बच्चों की दीर्घायु के साथ ही परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।

महाकाल मंदिर के पुरोहित गुरु साकेत ने बताया कि इस दिन सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पाए थे। इसलिए सुहागन महिलाओं के लिए ये व्रत बेहद ही फलदायी माना जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं पूरी दुल्हन की तरह श्रृंगार कर बरगद के पेड़ की पूजा करती है। उन्होंने बताया कि वट वृक्ष की जड़ में भगवान ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु व डालियों, पत्तियों में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। सुहागन महिलाएं इस दिन यम देवता की पूजा करती हैं। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत हर साल ज्येष्ठ की अमावस्या को रखा जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/धर्मेन्द्र/चंदा

   

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