सूखे तालाबों से नहीं बुझ रही बेजुबान पशुओं की प्यास

हमीरपुर, 07 जून (हि.स.)। हाईवे किनारे स्थित बड़ी आबादी वाले ग्राम इगोहटा में कहने को तो 9 राजकीय नलकूप लगे हुए हैं, फिर भी वहां के आधा दर्जन छोटे बड़े तालाबों में धूल उड़ रही है,जिससे पशु पक्षी ऐसी प्रचंड गर्मी में प्यास बुझाने के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं।

ग्रामीण ज्ञानेश दीक्षित ने शुक्रवार को बताया कि गांव में राजकीय नलकूपों द्वारा तालाब पोखर गड्ढे भरकर पशु-पक्षियों की प्यास बुझाई जा सकती है। मगर इस दिशा में अभी तक कोई प्रयास ही नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गांव के उत्तर और दक्षिण में कजरी और रीठा दो बड़े तालाब है,जबकि पूर्व में एक और पश्चिम दिशा में दो छोटे तालाब है। छानी मार्ग में एक हमीरपुरी तालाब है। वर्तमान में सभी तालाब सूखे पड़े हैं। महीनों से ठप पड़े हैं। राजकीय नलकूपों से उन्हें भरा जा सकता है, किंतु जिम्मेदार लोगों द्वारा प्रयास ही नहीं किया गया।

उन्होंने बताया कि गांव के चार नलकूप 90, 118, 164, और 165 एचजी रीबोर की स्थिति में है, नलकूप 166 के सामान की चोरी हो चुकी है। 214 नंबर का नलकूप खराब है। नलकूप नंबर 130 एचजी 212 एचजी 213 एचजी सही होने के बाद भी बंद रहते हैं, इस कारण खेत खलिहान कहीं भी पानी नजर नहीं आता है, जिससे पशु पक्षी पानी के लिए बेहाल नजर आते हैं।

गांव से छाई किलोमीटर हमीरपुरी तालाब में समाजसेवी मोहन लाल साहू द्वारा निजी नलकूप से पानी भरा जा रहा है तो उस क्षेत्र के पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझा लेते हैं, किंतु गांव के पूर्व उत्तर दक्षिण दिशा में पानी-पीने के लिए बड़ी समस्या है। ग्रामीणों ने नलकूप चालू कराकर तालाब भरे जाने की मांग की है। इसी तरह ग्राम बिदोखर के तालाब सूखे पड़े हैं, बिदोखर मेदनी का एक तालाब जिसने लबालब भरा था, उसे खाली कराकर खुदाई की जा रही है। महीनों बाद भी यह काम पूरा नहीं हो सका है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात हो गई तो लाखों रुपया व्यर्थ में चला जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश

   

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