गुप्तिपाड़ा में ऐतिहासिक उलटी रथयात्रा संपन्न

हुगली, 16 जुलाई (हि.स.)। बलागढ़ के गुप्तीपाड़ा में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा मंगलवार को अपने रथ पर सवार होकर अपने मौसी के घर ले जाए गए। इस दौरान लोगों ने रथ की रस्सी पकड़कर खींच कर पुण्य प्राप्त किया। इस अवसर पर मेला का आयोजन हुआ। काफी भीड़ उमड़ी।

इस रथ उत्सव की शुरुआत 1740 में मधुसूदनंद नामक एक संयासी ने की थी। गुप्तीपाड़ा का रथ वृंदावन चंद्र जिउ रथ या सन्यासी का रथ के नाम से भी जाना जाता है। 285 वर्ष का रथोत्सव शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हो गया। यह चार मंजिला रथ 58 फीट ऊंचा और 34 फीट चौड़ा है। पहले इसमें 13 शिखर थे, लेकिन अब केवल नौ शिखर हैं। वृंदावन मंदिर से जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा रथ पर सवार होकर लगभग एक किलोमीटर दूर गोसाईं गंज-बड़ाबाजार में मौसी घर जाते हैं।

रथयात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए आठ सौ पुलिसकर्मी तैनात थे। हुगली ग्रामीण पुलिस के एडिशनल एसपी हेडक्वार्टर कल्याण सरकार डीसीपी क्राइम अभिजीत सिंह महापात्र, सीआई बलागढ़ सौमेन मित्रा, ओसी बलागढ़ राज किरण मुखर्जी, गुप्तीपाड़ा फाड़ी के इंचार्ज सुब्रतो दास सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पांडे / गंगा राम

   

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