गैरसैंण में होगा उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र, अगस्त के पहले सप्ताह में संभावित

-लंबे समय से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित नहीं हुआ कोई सत्र

देहरादून, 09 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर तैयारी तेज हो गई है। यह सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में अगस्त के पहले सप्ताह में संभावित है।

संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जुलाई में वर्षा अधिक रहती है। ऐसे में मानसून सत्र गैरसैंण में अगस्त के पहले सप्ताह में संभावित है। हालांकि, सत्र कब और कहां होना है, यह सरकार को तय करना है। इस पर मंथन चल रहा है। जल्द ही तिथि तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मानसून सत्र आयोजित नहीं हुआ है। लिहाजा इस बार मानसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की जा रही है। निर्णायक रूप से कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा।

सियासत के केंद्र में रहा है गैरसैंण

पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के गठन की मांग गढ़वाल और कुमाऊं के केंद्र बिंदु गैरसैंण को राजधानी के रूप में रखकर की गई थी। राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून से संचालित की जा रही है। भाजपा की पिछली सरकार में बतौर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था। हालांकि, गैरसैंण के विकास को लेकर पूर्व की सरकारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है और लगातार गैरसैंण सियासत के केंद्र में रहा है।

पिछली बार गैरसैंण में टल गया था विधानसभा सत्र

पिछली बार जब गैरसैंण में विधानसभा सत्र होने जा रहा था तो विधायकों ने ठंड का बहाना बनाकर विधानसभा सत्र को देहरादून में आयोजित करने की मांग उठाई। इससे गैरसैंण में सत्र टालकर देहरादून में किया गया। अब एक बार फिर से मानसून सत्र को गैरसैंण में आयोजित किए जाने की तैयारी चल रही है।

ग्रीष्मकालीन राजधानी में पिछले वर्ष हुआ था बजट सत्र

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में पिछले वर्ष मार्च 2023 में बजट सत्र हुआ था। इसके बाद से वहां विधानसभा का कोई सत्र नहीं हुआ है। इस बार बजट सत्र गैरसैंण में होना था लेकिन तब विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों के आग्रह पर इसे देहरादून में ही आयोजित किया गया था। बजट सत्र 29 फरवरी को खत्म हुआ था। एक के बाद दूसरा सत्र छह माह से पहले कराया जाना आवश्यक है। इस हिसाब से छह माह की अवधि 29 अगस्त को समाप्त हो रही है। जाहिर है कि इससे पहले विधानसभा का मानसून सत्र होना ह

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / चन्द्र प्रकाश सिंह

   

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