एडीजे भर्ती को लेकर हाईकोर्ट प्रशासन की एसएलपी खारिज

जयपुर, 9 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने एडीजे भर्ती-2020 में वकील कोटे के 85 पदों पर केवल चार अभ्यर्थियों को ही एडीजे के पद पर नियुक्ति के लिए चयनित करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के 14 फरवरी 2024 के फैसले को बरकरार रखा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार परीक्षा की ओर से पेश एसएलपी प्रारंभिक सुनवाई के स्तर पर ही खारिज कर दी।

दरअसल हाईकोर्ट प्रशासन ने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें एडीजे भर्ती परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट की परीक्षा सेल को योग्य विधिवेत्ताओं व प्रोफेसरों की कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। वहीं कमेटी को कहा था कि वह पेपर की लंबाई व पेपर हल करने को देखने के लिए स्वतंत्र रहेगी और हाईकोर्ट की परीक्षा सेल चार्ट के जरिए कॉपियों में कमेटी की ओर से दिए गए अंक और मौजूदा अंकों का तुलनात्मक अध्ययन कर हाईकोर्ट को बताएगी। इसे हाईकोर्ट प्रशासन ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि एडीजे भर्ती परीक्षा में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है और कमेटी की रिपोर्ट में भी परीक्षा को सही होना बताया है।

गौरतलब है कि एडीजे भर्ती परीक्षा में गडबडी को लेकर अभ्यर्थी प्रदीप मलिक व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि भर्ती परीक्षा के पेपर ज्यादा लंबे थे। वहीं साक्षात्कार में चार गुणा अभ्यर्थियों की बजाय केवल चार अभ्यर्थियों को ही बुलाया है। जबकि भर्ती में 779 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य माना था। इसलिए पात्र अभ्यर्थियों को बोनस अंक देकर वकील कोटे के सभी खाली 81 पदों को भरा जाए।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश पारीक / डॉ.ईश्वर बैरागी

   

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