फरीदाबाद: दिल्ली धमाका कांड में सुसाइड बाॅम्बर डॉ. उमर ही था पूरे नेटवर्क का सरगना

फरीदाबाद, 6 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में 10 नवंबर को हुई कार विस्फोट की घटना और फरीदाबाद के फतेहपुरा तगा व धौज में मिले विस्फोटकों के मामले में शनिवार काे एनआईए की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। गिरफ्तार लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि इस पूरे आतंकी मॉड्यूल का मुखिया सुसाइड हमलावर डॉ. उमर उल नबी ही था, जिसने विस्फोटक जुटाने से लेकर घटना को अंजाम देने तक की पूरी योजना तैयार की थी।

एनआईए के अनुसार, उमर नबी नूंह और मेवात से रासायनिक सामग्री ले आता था और अल-फलाह विश्वविद्यालय के कमरा नंबर चार में विस्फोटक परीक्षण किया जाता था। दिल्ली विस्फोट में इस्तेमाल हुई आई-20 कार भी उमर ने ही खरीदी थी, जिसके लिए डॉ. शाहीन ने उसे तीन लाख रुपए दिए थे। जांच में यह भी सामने आया है कि शाहीन ने करीब छब्बीस लाख रुपए इस नेटवर्क को उपलब्ध कराए, जिनका उपयोग विस्फोटक सामग्री जुटाने में किया गया।

पूछताछ में शाहीन और मुजम्मिल ने बताया कि अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों और इलाज के लिए आने वाले बेहद गरीब लोगों को अपने नेटवर्क में शामिल करने की योजना उमर की थी। ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी पूरी जानकारी उमर को भेजी जाती थी और इसके आधार पर वह तय करता था कि किसे कितना धन देना है और किसे किस काम में लगाना है। सूत्रों के मुताबिक, उमर नबी देश में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला करने की तैयारी कर रहा था। वह विस्फोटक सामग्री का एक हिस्सा जम्मू-कश्मीर भेजने वाला था, लेकिन इसी बीच जम्मू पुलिस द्वारा मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद वह अपनी आई-20 कार सहित गायब हो गया और 10 नवंबर को उसी कार में विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। एनआईए की टीम दोनों आरोपितों से पूछताछ जारी रखे हुए है और पूरे नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान में जुटी है। जांच एजेंसी का मानना है कि अभी इस मॉड्यूल से जुड़े और भी अहम खुलासे होना बाकी हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग

   

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