आस्ट्रेलिया में प्रतिबंधित केमिकल एफीड्रिन तस्करी मामला:ईडी ने चंडीगढ़ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, 4 साल पहले चंडीगढ़ पुलिस ने पकड़ा था गिरोह

आस्ट्रेलिया में प्रतिबंधित केमिकल एफीड्रिन की अवैध तस्करी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। ईडी ने यह चार्जशीट तीन आरोपियों के खिलाफ दाखिल की है, जिन्हें चार साल पहले चंडीगढ़ पुलिस ने कोकीन सप्लाई के शक में गिरफ्तार किया था। बाद में जांच में यह साफ हुआ कि बरामद पदार्थ कोकीन नहीं, बल्कि प्रतिबंधित केमिकल एफीड्रिन था। चार्जशीट में चेन्नई निवासी एस. अशफाक रहमान, विजया कुमार और एन. जफर शरीफ को आरोपी बनाया गया है। यह गिरोह एफीड्रिन को गैरकानूनी तरीके से आस्ट्रेलिया एक्सपोर्ट कर रहा था। मामला बाद में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को सौंपा गया था और पिछले साल ईडी ने इसमें मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी शुरू की। 10 किलो एफीड्रिन बरामद मई 2021 में चंडीगढ़ पुलिस ने नशा तस्करी से जुड़े इस गिरोह को पकड़ा था। आरोपियों के पास से 10 किलो संदिग्ध पदार्थ बरामद हुआ था, जिसे शुरुआती जांच में कोकीन बताया गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपए आंकी गई थी। हालांकि एनसीबी की विस्तृत जांच में यह साफ हुआ कि यह कोकीन नहीं, बल्कि प्रतिबंधित केमिकल एफीड्रिन है। जांच में सामने आया कि आरोपित इस केमिकल को बर्तनों के डिब्बों में छिपाकर आस्ट्रेलिया भेजने की योजना बना रहे थे। एक किलो केमिकल एक्सपोर्ट करने पर मिलते थे 40 हजार रुपए एनसीबी की जांच के अनुसार, आरोपियों को एक किलो केमिकल एक्सपोर्ट करने पर 40 हजार रुपए मिलने थे। तीनों आरोपी ट्रेन के जरिए चंडीगढ़ पहुंचे थे और यहां नकली पहचान पत्र देकर सेक्टर-26 स्थित सत्संग भवन में ठहरे थे। इसके बाद उन्होंने एक कुरियर कंपनी से संपर्क कर केमिकल को आस्ट्रेलिया भेजने की बात की। हालांकि कुरियर कंपनी को पार्सल पर शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। काले धन से बनाई गई संपत्तियों की जांच ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की थी। ईडी के अनुसार, प्रतिबंधित केमिकल की तस्करी से आरोपितों ने बड़ी मात्रा में काला धन इकट्ठा किया था। इसी काले धन से बनाई गई संपत्तियों की भी ईडी जांच कर रही है। चार्जशीट में अवैध कमाई और उससे जुड़े लेन-देन का भी जिक्र किया गया है। पुराने मोबाइल बेचने वाला बना केमिकल तस्कर जांच में सामने आया कि आरोपी एन. जफर शरीफ चेन्नई के बर्मा बाजार में पुराने मोबाइल फोन खरीदने-बेचने का काम करता था। साल 2019 में उसकी मुलाकात सिकंदर अली नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने उसे बताया कि वह आस्ट्रेलिया में केमिकल एक्सपोर्ट करता है। उसने बताया कि यह काम गैरकानूनी जरूर है, लेकिन कमाई काफी ज्यादा है। इसके बाद जफर इस अवैध धंधे में शामिल हो गया। बाद में अशफाक रहमान और विजया कुमार भी इस गिरोह का हिस्सा बन गए। अशफाक चेन्नई में छोटा कारोबार करता था, जबकि विजया कुमार मुंबई में जेमस्टोन का व्यापार करता था। चंडीगढ़ को बनाया तस्करी का केंद्र जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपियों ने केमिकल एक्सपोर्ट के लिए चंडीगढ़ को रणनीतिक तौर पर चुना। यहां से कुरियर के जरिए केमिकल विदेश भेजने की योजना बनाई गई थी। हालांकि समय रहते पुलिस और जांच एजेंसियों की सतर्कता से इस अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट का खुलासा हो गया।

   

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