चंडीगढ़ में आरोपी गायब जमानती पर कार्रवाई के आदेश:7.29 करोड़ की बैंक ठगी, कोर्ट ने आदेश दिया प्रॉपर्टी की नीलामी

इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ 7.29 करोड़ रुपए की बड़ी ठगी कर फरार हुए आरोपी का CBI अभी तक कोई सुराग नहीं निकाल सकी है। आरोपी तो कोर्ट से जमानत लेकर गायब हो गए, लेकिन अब अदालत ने उनके जमानती पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। यह ठगी मोहाली की प्राइवेट कंपनी अरविंद मशीन एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और उसके परिवार ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर की थी। फरार आरोपी है अमरिंदर सिंह गोरवारा (कंपनी मालिक), साहिल गोरवारा (बेटा) और दलजीत कौर (पत्नी) है। जिन्हें अदालत ने तीनों को भगोड़ा घोषित कर रखा है। अब जमानती पर कार्रवाई अदालत ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के लिए उनके जमानती को आदेश दिया था। लेकिन जब जमानती उन्हें कोर्ट में नहीं ला सका, तो अदालत ने 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। एक जमानती ने जुर्माना भर दिया, लेकिन अमरिंदर और दलजीत कौर के जमानती, डेराबस्सी निवासी अत्तर सिंह, ने जुर्माना देने से इनकार कर दिया। नीलाम होगी जमानती की प्रॉपर्टी जुर्माना न भरने पर अदालत ने आदेश दिया है कि अत्तर सिंह की प्रॉपर्टी की नीलामी कर यह रकम वसूली जाए।CBI ने जमानती की प्रॉपर्टी बेचकर रिकवरी कराने के लिए डेराबस्सी के कलेक्टर को निर्देश जारी कर दिए हैं। जाली कंपनियों में घुमाया कर्ज का पैसा CBI के अनुसार, आरोपितों ने 7.29 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और उसे अपनी फर्जी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। यह लोन भी जाली दस्तावेज़ों के आधार पर लिया गया था। इस पूरे खेल से इंडियन ओवरसीज बैंक को 7.29 करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठा पड़ा। 8 आरोपियों पर चल रहा केस CBI ने सितंबर 2019 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में अरविंद मशीन एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड समेत कुल आठ आरोपितों के नाम शामिल हैं। अमरिंदर सिंह गोरवारा, साहिल गोरवारा, दलजीत कौर, निजी कंपनी निदेशक परमिंदर सिंह, तत्कालीन बैंक मैनेजर आदर्श कुमार राजवंशी, अधिकारी विजय कुमार ग्रोवर, पूर्व चीफ मैनेजर सत्य कुमार पारीख और पूर्व सीनियर मैनेजर राज कुमार पांजला का नाम शामिल है।

   

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