अमृतपाल की पैरोल याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई:सेशन में शामिल होने के लिए दायर की है याचिका, डिब्रूगढ़ जेल में है बंद
- Admin Admin
- Dec 16, 2025
पंजाब के खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह की संसद के सेशन में शामिल होने की पैरोल देने संबंधी दायर याचिका पर आज 15 दिसंबर को सुनवाई होगी। इस मामले में सरकार अपना जवाब दाखिल कर चुकी है। अमृतपाल के वकीलों ने अपनी दलील रखी है। उम्मीद है कि आज होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत कोई फैसला ले सकती है, क्योंकि अब सत्र खत्म होने में मात्र तीन दिन शेष रह गए हैं। एक बार भी सेशन में नहीं हुए शामिल अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से निर्दलीय चुनाव जीतकर सांसद बने हैं। एनएसए लगा होने की वजह से वह डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं, लेकिन अभी तक एक बार भी सत्र में शामिल नहीं हो पाए हैं। अगर इसी तरह चलता रहा तो उनकी मेंबरशिप तक खारिज हो सकती है। इसी वजह से उनकी तरफ से वकीलों के माध्यम से यह एप्लीकेशन दायर की गई है। अमृतपाल के वकीलों ने यहां तक दलील दी है कि अगर संभव हो तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही संसद से जोड़ा जाए। हालांकि संसद की तरफ से दाखिल जवाब में साफ किया गया है कि इस तरह की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं है। बाढ़ का उठाना है मुद्दा अमृतपाल के वकीलों का कहना है कि वह चुने हुए सांसद हैं। ऐसे में उन्हें संसद में अपना पक्ष रखने का पूरा हक है। उनके क्षेत्र में बाढ़ से पिछले समय में काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में वह अपने इलाके के लोगों का पक्ष संसद में रखना चाहते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। यह सिर्फ अमृतपाल सिंह ही नहीं, बल्कि उनके इलाके के लोगों के साथ भी अन्याय है। ऐसे में सरकार को इस दिशा में उचित कदम उठाया जाना चाहिए। सरकार ने दाखिल किया है यह जवाब हरिनौ केस की चार्जशीट 3500 पन्नों में: अदालत में पंजाब सरकार ने 5 हजार पन्नों का जवाब दाखिल किया है, जिसमें 3500 पन्ने अकेले हरिनौ केस की चार्जशीट से संबंधित हैं। इस केस को पंजाबी और अंग्रेजी भाषा में पेश किया गया है। इसके साथ ही अमृतपाल सिंह की ग्राउंड ऑफ डिटेंशन को विस्तार से बताया गया है। AKF और 15 लोगों को अमृतपाल से खतरा: जवाब में सरकार ने कनाडा में बनाई गई आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) का विवरण दिया है। साथ ही इसमें 15 उन लोगों का जिक्र है, जो कह रहे हैं कि जेल में बैठे अमृतपाल सिंह से उन्हें खतरा है। पुराने NSA को आधार बनाया: अमृतपाल के वकील का कहना है कि केस की सारी बातें मुख्य रूप से NSA के आधार पर हैं। उस आधार पर पंजाब सरकार पैरोल देना नहीं चाहती है। वकील ने अदालत में यह भी तर्क दिया कि अमृतपाल को विंटर सेशन के लिए दिल्ली जाना है, पंजाब तो आना नहीं है। ऐसे में सरकार के तर्क बेतुके हैं।



