सिग्नल ऐप पर पैरी की हत्या की साजिश:चंडीगढ़ में अदनाल से पूछताछ, लॉरेंस ने दिल्ली से करवाए हथियार मुहैया

इंदरप्रीत पैरी की हत्या मामले में चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच दिल्ली से अदनाल नाम के एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर चंडीगढ़ लाई। यहां क्राइम ब्रांच सेक्टर-11 में उससे कई घंटे तक गहन पूछताछ की गई, लेकिन पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। इस दौरान पुलिस स्टेशन सेक्टर-26 के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ज्ञान सिंह भी क्राइम ब्रांच पहुंचे और उन्होंने भी अदनान से लंबी पूछताछ की। हालांकि, इतनी लंबी पूछताछ के बावजूद अब तक चंडीगढ़ पुलिस की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पूछताछ में क्या सामने आया। पुलिस की चुप्पी ने इस पूरे मामले को और रहस्यमय बना दिया है। दिल्ली रेड से पहले पुख्ता जानकारी सूत्रों से पता चला कि जब चंडीगढ़ पुलिस ने दिल्ली में रेड की थी, उस दौरान उनके पास पुख्ता सूचना थी कि दिल्ली में एक शख्स छिपा हुआ है, जिसका इंदरप्रीत पैरी की हत्या में अहम रोल है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में छिपा यह शख्स इस हत्याकांड में इस्तेमाल हथियार मुहैया कराने में शामिल था। पुलिस के पास ऐसी जानकारी भी थी कि संबंधित शख्स की गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से सिग्नल ऐप के जरिए बातचीत होती थी। आरोप है कि हत्या में हथियार मुहैया कराने के बदले उसने लाखों रुपए लिए थे। इन्हीं जानकारियों के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने दिल्ली में छापा मारा था। डंप डेटा से मिला सबूत पता चला है कि पुलिस ने सेक्टर-26, जहां पैरी की हत्या की गई थी और पैरी के घर सेक्टर-33 के आसपास के एरिया का डंप डेटा उठाया था, ताकि यह पता चल सके कि उस दौरान वहां मौजूद लोग किसके संपर्क में थे। इसके बाद पुलिस के हाथ पुख्ता जानकारी लगी कि दिल्ली से हथियार मुहैया करवाए गए थे। इसके बाद यह जानकारी पुलिस विभाग के सीनियर अफसरों को दी गई और फिर एक टीम बनाकर दिल्ली में रेड की गई। लेकिन पता नहीं कैसे असली अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बच निकला और अदनान पुलिस के हाथ लग गया, जिससे पुलिस ने कई घंटों तक पूछताछ की। यही नहीं, इसकी पूरी जानकारी पुलिस विभाग के सीनियर अफसरों को भी दी जाती रही। लॉरेंस से पूछताछ की तैयारी में पुलिस पैरी की हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप ने पैरी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने लॉरेंस को गद्दार भी कहा था। पैरी की हत्या क्यों की गई, इसे लेकर भी लॉरेंस ग्रुप ने सोशल मीडिया पर खुलकर लिखा था। इसी के चलते इस केस में लॉरेंस की भूमिका सामने आ रही है, जिसके चलते चंडीगढ़ पुलिस कानूनी राय भी ले रही है। लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में बंद है और उससे पैरी मर्डर केस में पूछताछ कैसे की जाए, इसे लेकर मंथन किया जा रहा है। ऐसे हुई इंद्रप्रीत सिंह उर्फ पैरी की हत्या… पीछा कर बरसाईं गोलियां: इधर, पुलिस की जांच में सामने आया है कि पैरी को टिंबर मार्केट की ओर ले जाया गया, जहां तीन बदमाशों ने पैरी की कार का पीछा किया और ताबड़तोड़ करीब पांच गोलियां दागीं, जिसमें एक सीधे छाती में लगी। राहगीरों ने उसे PGI चंडीगढ़ पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इंद्रप्रीत पैरी की छाती में दिख रहा गोली का निशान, इसी से उसकी मौत होने की संभावना जताई जा रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले, पंचकूला से कार बरामद की हत्या के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने मोहाली और पंचकूला से लगती सभी सीमाएं सील कर दी थीं और पूरे शहर में नाकाबंदी के साथ CCTV फुटेज खंगाले। इसी सर्च अभियान में कार में बैठते युवकों की वीडियो मिली। यह कार पंचकूला से बरामद कर ली गई है, जिस पर लुधियाना का नंबर लगा हुआ है। हालांकि इसे फेक माना जा रहा है। अब पुलिस इसमें सवार युवकों की तलाश कर रही है। कार किसके नाम पर दर्ज है, उसका भी पता किया जा रहा है। पैरी की लॉरेंस-गोल्डी के साथ फोटो सामने आई इसी बीच पैरी की लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के साथ पुरानी तस्वीरें सामने आई हैं। इस पर पुलिस का कहना है कि फेसबुक पर लॉरेंस गैंग की ओर से मामले की जिम्मेदारी लेने वाली एक पोस्ट सामने आई है। इसके अलावा गोल्डी के नाम से एक ऑडियो भी सामने आया है। यह फेक है या असली है, इसकी जांच पूरी होने के बाद ही कोई पुष्टि की जाएगी।

   

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