डॉक्टर भर्ती घोटाले की  उच्च-स्तरीय जांच के आदेश

मुंबई, 7 नवंबर (हि.स.)। मुंबई के जोगेश्वरी (पूर्व) स्थित एचबीटी ट्रॉमा केयर सेंटर में हुए डॉक्टर भर्ती घोटाला तूल पकड़ने लगा है। मुंबई मनपा प्रशासन ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया है और संबंधित अधिकारियों को जरूरी आदेश दिए गए हैं।

शिवसेना (शंदे गुट) के सांसद रविंद्र वायकर ने डॉक्टर भर्ती घोटाले के आरोप लगाए थे। आरोप है कि अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के बीच लगभग 60 से 70 डॉक्टरों की नियुक्ति बिना अनिवार्य इंटरव्यू के ही कर दी गई। उन दिनों मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के निर्देश पर एक संविदा लिपिक ने ये नियुक्तियां प्रक्रिया में डाल दीं। कई नियुक्त डॉक्टरों ने कभी कार्यभार ग्रहण नहीं किया, फिर भी फर्जी उपस्थिति हस्ताक्षर के आधार पर वेतन निकाला गया। सरकारी ऱाशि की हेराफेरी के लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग किया गया। मामला उठने के बाद कार्यवाहक मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने औपचारिक जांच की मांग की थी। मुंबई मनपा ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें कूपर अस्पताल की संयुक्त मुख्य कार्मिक अधिकारी मृणालिनी सूर्य, कूपर अस्पताल की मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम रेडकर और एलटीएमजी अस्पताल के कार्यवाहक डिप्टी डीन डॉ. घनश्याम आहूजा शामिल हैं। यह समिति पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेगी।

जोगेश्वरी ट्रॉमा केयर अस्पताल पश्चिमी उपनगरीय क्षेत्र में आपातकालीन और दुर्घटना मामलों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वास्थ्य से जुड़े एक एक्टिविस्ट का दावा है कि यह चिंताजनक प्रवृत्ति कुछ अन्य मनपा अस्पतालों में भी दिखाई दे रही है। जहां बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को दरकिनार कर मैन्युअल रजिस्टरों का उपयोग कर ऐसे फर्जी भुगतान हो रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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