फ़िल्म समीक्षा: प्रेरणादायक फिल्म है अनुपम खेर की 'विजय 69'

अनुपम खेर ने 28 साल की उम्र में सारांश में एक बूढ़े आदमी का किरदार निभाया और स्टार बन गए। अब 69 साल की उम्र में उन्होंने 69 साल के विजय मैथ्यू का किरदार निभाया है। तस्वीर ये है कि ये एक्टर ना तो पर्दे पर और ना ही असल जिंदगी में बूढ़ा होने को तैयार है। इस अभिनेता को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार इसलिए मिला, क्योंकि इस आदमी में अभी भी बहुत सारा सिनेमा बाकी है और वह हमें और भी अधिक गुणवत्ता वाली फिल्में देने जा रहा है।

कहानी

यह 69 साल के एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि उसने जीवन में क्या किया है। ऐसे समय में उन्होंने फैसला किया कि अब ट्रायथलॉन करेंगे। इसमें 1.5 किमी तैराकी, 40 किमी साइकिलिंग और 10 किमी दौड़ शामिल है लेकिन जिसका पैर ख़राब हो वो ऐसा कैसे कर सकता है? लोग आश्चर्य करते हैं कि क्या वह ऐसा कर सकता है। यह अब तक की सबसे बेहतरीन नेटफ्लिक्स फिल्म है।

कैसी है फिल्म

यह साल की सबसे प्रेरणादायक फिल्मों में से एक है। यह फिल्म आपको बहुत प्रेरित करती है, इस फिल्म को देखने के बाद आप अपने माता-पिता को गले लगाएंगे, उनके बारे में सोचेंगे, उनके सपनों के बारे में सोचेंगे, यह फिल्म आपको बहुत भावुक कर देती है। आपकी आंखों से आंसू आ जाएंगे, जिस तरह से फिल्म में भावनाओं को दर्शाया गया है वह आपको रुला देगा, यह फिल्म आपको उठने और अपने सपनों के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करेगी। इस फिल्म को देखने के हजारों कारण हैं जो आपको बहुत ढूंढने के बाद भी कहीं नहीं मिलेंगे।

अभिनय

अनुपम खेर ने जिस तरह से इस किरदार को निभाया है वो सिर्फ वो ही कर सकते थे। 69 साल की उम्र में उनके द्वारा दिखाया गया दृढ़ संकल्प, जुनून, ऊर्जा लुभावनी है। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान अनुपम खेर के कंधे में चोट लग गई थी, लेकिन उन्होंने शूटिंग जारी रखी। इस फिल्म में आप अनुपम खेर के साथ हंसते हैं, उनके साथ रोते हैं, उनकी हार से हारा हुआ महसूस करते हैं और उनकी जीत से कुछ जीतते हैं, यही एक अद्भुत अभिनेता की खूबी है। चंकी पांडे ने भी कमाल का काम किया है। उनके किरदार को देखकर आपको लगता है कि 69 साल की उम्र में आपके पास भी ऐसा दोस्त होना चाहिए। मिहिर आहूजा अनुपम खेर जैसे अभिनेता के साथ अच्छा काम करते हैं।

निर्देशन

फिल्म को अक्षय रॉय ने अब्बास टायरवाला के साथ लिखा है और अक्षय ने फिल्म का निर्देशन किया है। अक्षय का निर्देशन पूरे अंक का हकदार है, उन्होंने न केवल माता-पिता के सपनों के बारे में एक फिल्म बनाई है बल्कि आज की पीढ़ी के साथ भी जुड़ी है। कुल मिलाकर आपको ये फिल्म हर हाल में देखनी चाहिए।

कलाकार : अनुपम खेर, चंकी पांडे, गुड्डी मारुति, अद्रिजा सिन्हा, परितोष संड, व्रजेश हीरजी और मिहिर आहूजा आदि

लेखक : अक्षय रॉय, अब्बास टायरवाला

निर्देशक : अक्षय रॉय

निर्माता : मनीष शर्मा

ओटीटी : नेटफ्लिक्स

रेटिंग : 3/5

हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे

   

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